सुजानगढ़ के राजकीय बगडिय़ा अस्पताल में सफाई व्यवस्था चरमराई

सुजानगढ़ क्षेत्र का सबसे बड़ा राजकीय बगडिय़ा अस्पताल दो दिनों से बीमार है। वजह है सफाई कर्मचारियों द्वारा सफाई नहीं करना। अस्पताल में चारों ओर गंदगी और मेडिकल कचरे का आलम होने से यहां आने वाले मरीजों, परिजनों के साथ-साथ चिकित्सकों, नर्सिंंग स्टाफ को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल के पीएमओ डॉ. एन.के. प्रधान ने बताया कि चूरू की संजीवनी सामाजिक एवं वैज्ञानिक संस्थान के पास सफाई कार्य का ठेका है, लेकिन इस एजेंसी द्वारा ठेके की शर्तें पूरी नहीं की जा रही है और न ही अपने कर्मचारियों को यह संस्था समय पर भुगतान करती है। जिसके चलते दो दिनों से ठेकेदार के कर्मचारी अस्पताल में सफाई कार्य नहीं कर रहे हैं। डॉ. प्रधान ने मजबूरी जाहिर करते हुए बताया कि बाहर से आदमी लाकर सफाई करवाने की कोशिश की जाती है तो ठेकेदार के कर्मचारी उन लोगों को मारपीट की धमकी देते हैं। ऐसे में हमारे लिए सफाई करवाने का संकट खड़ा हो रखा है। फिलहाल अस्पताल प्रशासन ने ठेकेदार को नोटिस दे दिया है और सम्बंधित एनजीओ को ब्लेक लिस्ट करने की सिफारिश की जायेगी। लेकिन अस्पताल की सफाई व्यवस्था उलझन का शिकार हो रही है। सफाई कर्मचारियों को पैसा नहीं मिलता, क्योंकि उनको ठेकेदार एजेंसी भुगतान नहीं देती। ठेकेदार एजेंसी का भुगतान अनियमितताओं के चलते अटक गया है। लेकिन इस खींचतान में आम लोगों, मरीजों, चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ को परेशान होना पड़ रहा है। कचरा पात्र कचरे से लबालब हैं और वार्डों में कचरे का साम्राज्य फैला है।
इनका कहना है : कई बार सम्बंधित फर्म से कर्मचारियों की पासबुक की प्रति मांगी गई, लेकिन जमा नहीं हुई और न ही ठेके की शर्तो का पालन किया जा रहा है। उसके कर्मचारी अस्पताल की सफाई व्यवस्था को पहले भी कई बार ठप्प कर चुके हैं, जिससे जनता परेशान हो रही है। हमने ठेकेदार फर्म को नोटिस दिया है। डॉ. एन.के. प्रधान, पीएमओ, राजकीय बगडिय़ा अस्पताल, सुजानगढ़।