ऑपरेशन सिंदूर: भारत का सर्जिकल जवाब
भारतीय सेना ने 7 मई, 2025 को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकियों के 9 ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई पहलगाम हमले के प्रतिशोध में की गई।
किन ठिकानों को बनाया गया निशाना?
ऑपरेशन में बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट, और मुजफ्फराबाद जैसे इलाकों में स्थित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के अड्डों पर निशाना साधा गया। इन ठिकानों में ट्रेनिंग कैंप, हेडक्वार्टर, और हथियार गोदाम शामिल थे।
“हमने भारतीय सीमा से ही मिसाइलें दागीं, पाक डिफेंस को भनक तक नहीं लगी,” – रक्षा सूत्र
अंतरराष्ट्रीय संवाद और प्रतिक्रिया
भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, यूएई और सऊदी अरब को इस कार्रवाई की जानकारी पहले ही दे दी थी। वहीं पाकिस्तान में हड़कंप के चलते लाहौर और कराची का एयरस्पेस बंद कर दिया गया है।
पाकिस्तानी दावा और नुकसान
पाकिस्तानी सेना (ISPR) के अनुसार, 6 स्थानों पर 24 हमले हुए जिसमें 8 पाक नागरिक मारे गए, 35 घायल और 2 लापता हैं। कई जगह धार्मिक स्थलों पर भी स्ट्राइक की गई।
बलूच प्रतिक्रिया
बलूचिस्तान के कार्यकर्ता मेहरान मैरी ने कहा:
“देर से सही, भारत ने सही निशाना साधा है।”
सैन्य रणनीति और सटीक प्लानिंग
सूत्रों के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर तीनों सेनाओं के संयुक्त अभियान का नतीजा है, जिसमें खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर स्थान चुने गए।
ऑपरेशन सिंदूर नाम के पीछे की गहराई
भारतीय सेना और वायुसेना की इस निर्णायक कार्रवाई को “ऑपरेशन सिंदूर” नाम दिया गया है। यह नाम केवल एक सैन्य ऑपरेशन का कोड नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और भावनात्मक संदेश भी है।
दरअसल, पहलगाम हमले में आतंकियों ने निर्दोष हिंदू पुरुषों की हत्या कर दी, जिससे कई महिलाओं का सुहाग उजड़ गया। इसी पीड़ा और प्रतिशोध को स्वर देते हुए भारत ने अपनी सैन्य कार्रवाई को “सिंदूर” नाम दिया।
इस नाम के माध्यम से भारत ने दुनिया को संदेश दिया कि जब भारत की बहनों के सिंदूर पर हमला होगा, तो देश उसका जवाब इतिहास में दर्ज़ करने वाले स्तर पर देगा।