Rajasthan ACB Action : राजस्थान से इस वक्त कि बड़ी खबर सामने आ रही है। जिसके बाद ACB का एक्शन फिर से देखने को मिला है। भ्रष्टाचार के खिलाफ राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की कार्रवाई लगातार जारी है. इसी क्रम में, झुंझुनूं जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां दूधवा नांगल (Doodhwa Nangal) के पटवारी अशोक कुमार (Patwari Ashok Kumar) को केवल रिश्वत की मांग करना ही महंगा पड़ गया है. चौंकाने वाली बात यह है कि शुरुआती ट्रैप असफल होने के बावजूद ACB ने मुख्यालय के निर्देश पर पटवारी के खिलाफ न सिर्फ केस (Case) दर्ज किया, बल्कि उसे कानून के शिकंजे में कस दिया है. एएसपी नरेंद्र पूनिया के अनुसार, ‘मुख्यालय से प्रकरण दर्ज करने के निर्देश मिलने के बाद, पटवारी अशोक कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) की संबंधित धाराओं के तहत रिश्वत मांगने का मामला दर्ज कर लिया गया है.Rajasthan ACB Action
हेल्पलाइन नंबर पर किसान ने दी शिकायत
पूरा मामला खातेदारी की जमीन के सीमा ज्ञान रिपोर्ट (Seema Gyan Report) से जुड़ा हुआ है. शिमला गांव के रहने वाले परिवादी नेतराम ने अपनी खातेदारी जमीन का सीमा ज्ञान कराया था. इस रिपोर्ट को जारी करने के बदले में, दूधवा नांगल का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे बसई पटवारी अशोक कुमार ने उनसे रिश्वत की मांग कर दी. अधिकारी की इस अनुचित मांग से परेशान होकर, किसान नेतराम ने हिम्मत दिखाई और सीधे एसीबी की हेल्पलाइन नंबर 1064 पर फोन करके शिकायत दर्ज कराई. एसीबी की टीम ने शिकायत पर तुरंत संज्ञान लिया.Rajasthan ACB Action
फेल हो गया ट्रैप
जानकारी के लिए बता दे कि सत्यापन के अगले ही दिन यानी 31 अक्टूबर को, एसीबी की टीम ने रिश्वतखोर पटवारी को रंगे हाथों पकड़ने के लिए जाल बिछाया. हालांकि, यहां एक अप्रत्याशित मोड़ आया. ट्रैप के दौरान, पटवारी अशोक कुमार को परिवादी नेतराम पर किसी तरह का शक हो गया. पटवारी ने चतुराई दिखाते हुए नेतराम से कहा कि वह अभी पैसे न दे, बल्कि ‘रुपये बाद में दे देना.’ पटवारी के इस बयान के कारण पटवारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ने की कार्रवाई सफल नहीं हो पाई. Rajasthan ACB Action
मुख्यालय के निर्देश पर FIR
हालांकि ट्रैप फेल होने का मतलब यह नहीं था कि पटवारी बच गया. एसीबी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए, पटवारी अशोक कुमार के खिलाफ रिश्वत मांगने के सबूतों के साथ एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की और उसे जयपुर स्थित एसीबी मुख्यालय (Headquarter) भेज दिया. एसीबी मुख्यालय ने इस मामले में एक सख्त रुख अपनाया. उन्होंने साफ निर्देश दिए कि केवल रिश्वत की मांग करना भी गंभीर अपराध है.