जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार को प्रदेश की सुरक्षा को लेकर सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेशवासियों की सुरक्षा राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है और मौजूदा हालात में राजनीतिक दलों का सहयोग अनिवार्य है।
सीमावर्ती जिलों के लिए विशेष फंड और फोर्स
मुख्यमंत्री ने बताया कि बाड़मेर, बीकानेर, जैसलमेर, श्रीगंगानगर, जोधपुर, हनुमानगढ़ और फलौदी जैसे सीमावर्ती जिलों में रिवॉल्विंग फंड और अतिरिक्त आरएसी व सिविल डिफेंस बल तैनात किए गए हैं। सभी रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया भी तेजी से की जा रही है।
“सरकार किसी भी आपात स्थिति से निपटने को पूरी तरह तैयार है। सभी दल प्रदेश हित में एकजुटता दिखाएं।” – मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
सायरन और ब्लैकआउट की जागरूकता बढ़ेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में ब्लैकआउट व्यवस्था और सायरन सिस्टम को सुदृढ़ किया गया है।
उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिए कि सायरन सिग्नल्स की जानकारी नागरिकों तक टीवी, रेडियो और सोशल मीडिया के माध्यम से पहुंचाई जाए।
आतिशबाजी व ड्रोन पर सख्त प्रतिबंध
बैठक में बताया गया कि तेज रोशनी, आतिशबाजी और ड्रोन उड़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। धार्मिक स्थलों, पर्यटन केंद्रों और सार्वजनिक जगहों पर सुरक्षा और साइबर निगरानी बढ़ा दी गई है।
सभी दलों ने दिया समर्थन
बैठक में उपस्थित टीकाराम जूली, डॉ. सुभाष गर्ग, मनोज कुमार, उमेश मीणा सहित विपक्षी नेताओं ने राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की और पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया।
“हम सब मिलकर राजस्थान की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। अफवाहों से बचें और सरकार के निर्देशों का पालन करें।” – टीकाराम जूली, नेता प्रतिपक्ष
सुझावों में यह शामिल रहा
- संसाधनों का भौतिक सत्यापन
- एनसीसी, स्काउट्स व नर्सिंग छात्रों की सेवाएं
- ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासनिक संवाद
- अधिकृत माध्यम से जानकारी प्रसारित करना
इस मौके पर उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा, जोगाराम पटेल, जोगेश्वर गर्ग सहित कई प्रमुख नेता और अधिकारी मौजूद रहे।