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Rajasthan Elevated Road: राजस्थान के इस जिले में धरातल पर उतरेगी नई एलिवेटेड रोड, खर्च होंगे 669 करोड़, इन इलाकों पर होगी पैसों की बारिश

Jodhpur new Elevated Road: राजस्थान के लोगों के लिए बड़ी अच्छी खबर सामने आ रही है। बता दे की शहर की बहुप्रतीक्षित एलिवेटेड रोड को धरातल पर उतारने की तैयारी शुरू हो गई है। जिससे शहर को एक नई पहचान मिलेगी साथ है ट्रेफिक का दबाव भी काम होगा।

भूमि अधिग्रहण का गजट नोटिफिकेशन जारी

जानकारी के लिए बता दे की एनएचएआई ने इसके लिए भूमि अधिग्रहण का गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। एलओआई की प्रक्रिया पूरी होने और मंत्रालय से स्वीकृति मिलने के बाद जीटीपी इंफ्रा द्वारा इस परियोजना पर कार्य किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 13 साल में एलिवेटेड रोड की लंबाई 9.06 किलोमीटर से घटकर 7.633 किलोमीटर रह गई है।Elevated Road

669 करोड़ रुपए की लागत से होगा निर्माण

वहीं फाइनेंशियल बिड खुलने के बाद यह भी तय हो गया है कि 669 करोड़ रुपए की लागत से इसका निर्माण किया जाएगा। महामंदिर से आखलिया तिराहे तक 7.633 किलोमीटर लंबी फोरलेन एलिवेटेड रोड का निर्माण कार्य आगामी दो माह में शुरू होने की उम्मीद है।Elevated Road

पहले हाइब्रिड मॉडल के तहत इसकी अनुमानित लागत करीब 1700 करोड़ रुपए थी, जो टेंडर प्रक्रिया तक आते-आते 938.59 करोड़ रुपए रह गई। इसके बाद इसकी प्रोजेक्ट कॉस्ट 840 करोड़ हुई, लेकिन सोमवार को खुली फाइनेंशियल बिड में इसकी न्यूनतम दर 669 करोड़ रुपए आई, जिसके आधार पर अब निर्माण कार्य किया जाएगा।

अगले 2 महीनों में शरू होगा निर्माण कार्य

शहरवासियों के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित एलिवेटेड रोड परियोजना अब साकार होने की दिशा में तेजी से बढ़ रही है। बिड खुलने के साथ ही इसके निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। प्रशासनिक तैयारियों के अनुसार आगामी दो माह में एलिवेटेड रोड का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। यह परियोजना न केवल जोधपुर शहर के ट्रैफिक दबाव को कम करेगी, बल्कि विकास, व्यापार और शहरी सुविधाओं को भी नई गति देगी।

ट्रैफिक दबाव होगा कम
वर्तमान में शहर के प्रमुख मार्गों पर दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती है। स्कूल-कॉलेज के समय, कार्यालयों की आवाजाही और बाजार के व्यस्त घंटों में आमजन को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। एलिवेटेड रोड बनने के बाद ऊपर से तेज गति से वाहन गुजर सकेंगे, जिससे नीचे की सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव काफी हद तक कम हो जाएगा। इसके साथ ही शहर के भीतर निर्बाध और सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित होगा। एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और अन्य आपातकालीन सेवाओं को अपने गंतव्य तक तेजी से पहुंचने में मदद मिलेगी।