हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद पुलिस कमिश्नर ने दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित किया
जोधपुर, कुड़ी भगतासनी थाने में एक बलात्कार पीड़िता के बयान के दौरान अधिवक्ता से हुई धक्का-मुक्की और अभद्रता के मामले ने बड़ा रूप ले लिया है।
अधिवक्ताओं के उग्र विरोध और हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद थानाधिकारी हमीर सिंह और उनके रीडर कांस्टेबल नरेंद्र सिंह को मंगलवार को निलंबित कर दिया गया।
हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, कमिश्नर तलब
मामले का वीडियो वायरल होने के बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया।
हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर ओमप्रकाश और डीसीपी पश्चिम को कोर्ट में तलब किया।
पुलिस कमिश्नर ने कोर्ट में माना कि
पुलिसकर्मियों का व्यवहार अमर्यादित रहा।
इसके बाद तुरंत निलंबन आदेश जारी हुए और जांच एडीसीपी पश्चिम रोशन मीणा (IPS) को सौंपी गई।
अधिवक्ताओं का बड़ा विरोध: टायर जलाए, काम का बहिष्कार
घटना के तुरंत बाद अधिवक्ताओं में भारी रोष फैल गया।
सोमवार देर रात ही बड़ी संख्या में अधिवक्ता थाने पहुंचकर धरने पर बैठ गए।
मंगलवार सुबह तक विरोध और तेज हो गया—
- थाने के बाहर टायर जलाए गए
- हाईकोर्ट व अधीनस्थ अदालतों में कार्य का बहिष्कार किया गया
- निलंबन की मांग पर अड़ गए
दोपहर में अधिवक्ता संगठनों के पदाधिकारी पहुंचे और निलंबन की पुष्टि के बाद धरना समाप्त किया गया।
झगड़ा कैसे शुरू हुआ? — आधार कार्ड की फोटो कॉपी पर नोक-झोंक
पीड़िता के बयान के दौरान रीडर कांस्टेबल नरेंद्र सिंह सादे कपड़ों में मौजूद था।
अधिवक्ता ने आधार कार्ड की फोटो कॉपी को लेकर आपत्ति जताई, जिस पर दोनों के बीच बहस हो गई।
“तेरा खोपड़ा खराब है…” — वर्दी न पहनने पर भड़के थानाधिकारी
अधिवक्ता भरत सिंह ने थानाधिकारी से शिकायत की कि कांस्टेबल वर्दी में नहीं है।
इस पर थानाधिकारी हमीर सिंह भड़क गए और अधिवक्ता से कहा—
“तेरा खोपड़ा खराब है? तू सिखाएगा वर्दी पहनना?”
इसके बाद अधिवक्ता को धक्का देकर 151 में बंद करने की धमकी दी गई।
अधिवक्ता की पत्नी से भी पुलिस की तीखी नोक-झोंक हुई।
निलंबन के बाद स्थिति सामान्य
अधिवक्ता संगठनों के अध्यक्षों रतनाराम ठोलिया और आनंद पुरोहित ने निलंबन की जानकारी धरनास्थल पर दी।
इसके बाद विरोध समाप्त हुआ।