Rajasthan Farming News: राजस्थान में किसनों कि किमस्त बदल रहा है। बता दे कि काजरी की इन पहलों ने पश्चिमी राजस्थान में अनार की खेती को नई पहचान दी है और किसानों के लिए आर्थिक सशक्तीकरण के नए रास्ते खोल दिए हैं.
किसानों की आमदनी बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण केंद्र
जानकारी के लिए बता दे कि जोधपुर स्थित केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) किसानों की आमदनी बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरकर सामने आया है. केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए लगातार प्रयासरत हैं. इसी दिशा में काजरी की पहल पश्चिमी राजस्थान के कृषक समुदाय के लिए बड़ी उम्मीद लेकर आई है.
सुपर भगवा अनार कर रहा है मालामाल
संस्थान द्वारा हाल ही में विकसित की गई भगवा वेरायटी और सुपर भगवा अनार की प्रजाति किसानों के लिए आय का नया स्रोत बनी है. काजरी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. ओम प्रकाश मीणा ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि एक विशेष प्रोजेक्ट के तहत अनार पर शोध 2010 से जारी है.
इन प्रजातियों को उगाने के लिए संस्थान की ओर से विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम और आयोजन किए जा रहे हैं, जिनमें किसानों को अनार की उन्नत खेती तकनीकों से परिचित कराया जा रहा है.
जहां पानी खारा वाहन कारगर साबित
उन्होंने बताया कि विशेष रूप से वे क्षेत्र जहां पानी खारा होता है, वहां अनार की पैदावार बेहद अच्छी होती है. भगवा और सुपर भगवा जैसी किस्मों को रेडिएशन तकनीक से विकसित किया गया है, जबकि प्लांटिंग मटेरियल के रूप में टिश्यू कल्चर आधारित पौधों की मांग तेजी से बढ़ी है.
उन्होंने बताया कि पश्चिमी राजस्थान में अनार की खेती लगातार विस्तार कर रही है और इससे किसानों को पारंपरिक फसलों की तुलना में कई गुना ज्यादा लाभ मिल रहा है. कई स्थानों पर किसानों की आमदनी दोगुनी नहीं, बल्कि दस गुना तक बढ़ी है.