Rajasthan Unique Temple: राजस्थान देश के एक ऐसा प्रदेश है जहां काफी ज्यादा मात्रा में मंदिर है। इन सब का अलग अलग इतिहास है। बड़ी संख्या में देश विदेश से लोग िनेह देखने आते है। आज हम आपको बता दे कि दौसा जिले का मेहंदीपुर बालाजी मंदिर (हनुमान जी) प्रेत बाधाओं से मुक्ति दिलाने के लिए प्रसिद्ध है. यहां लाए गए बीमार और पीड़ित लोग बालाजी के आशीर्वाद से ठीक होते हैं. भक्त शनिवार और मंगलवार को बूंदी के लड्डू चढ़ाते हैं. मंदिर का प्रसाद घर ले जाना और मांसाहार वर्जित है.
चमत्कारी मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध
दौसा जिले के एक छोटे से गांव मेहंदीपुर में स्थित बालाजी (हनुमान जी) का मंदिर देश भर में अपनी चमत्कारी मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है. यह धार्मिक स्थल उन लोगों के लिए एक प्रमुख तीर्थ है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे बुरी आत्माओं (प्रेत बाधाओं) से पीड़ित हैं. यह मंदिर दौसा के सबसे पवित्रतम स्थानों में से एक माना जाता है, जहां लाखों तीर्थयात्री साल भर दर्शन के लिए आते हैं.Rajasthan Unique Temple
यहां की सबसे बड़ी मान्यता यह है कि पागल और बीमार लोग यहां लाए जाते हैं और बालाजी के आशीर्वाद से उनमें से अधिकतर ठीक होकर जाते हैं.
भैरव बाबा को उड़द की दाल और चावल का भोग
भक्त यहां भगवान बालाजी को बूंदी के लड्डू का भोग लगाते हैं, वहीं भैरव बाबा को उड़द की दाल और चावल का भोग लगाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इन चढ़ावों से बुरी आत्माओं से पीड़ित व्यक्ति को राहत और मुक्ति मिलती है.Rajasthan Unique Temple
शनिवार और मंगलवार को मंदिर में सबसे अधिक भीड़ रहती है, क्योंकि इन दिनों को भगवान बालाजी का दिन माना जाता है.मंदिर परिसर में बालाजी मंदिर के ठीक सामने श्री सियाराम भगवान का एक सुंदर मंदिर भी है,जहां सियाराम की मनमोहक मूर्ति स्थापित है.
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए कुछ कठोर नियम भी हैं-ऐसी मान्यता है कि मंदिर का प्रसाद घर ले जाना सख्त मना है. इसे वहीं छोड़कर या वहीं ग्रहण करके लौटना होता है. मंदिर से लौटने के बाद भक्त को कुछ दिनों तक प्याज-लहसुन और मांसाहार का सेवन वर्जित होता है.
यहां पर जाने के लिए बस, ट्रेन (निकटतम स्टेशन बांदीकुई जंक्शन) और फ्लाइट से पहुंचा जा सकता है.और मंदिर में प्रवेश निःशुल्क है और यह हर दिन खुला रहता है. यदि आप दौसा जा रहे हैं, तो एक बार मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन अवश्य करें.