बच्चों को डांटें नहीं, समझाइश करें: सीकर में काउंसलिंग से मिला परिवार
सीकर, गुजरात के अहमदाबाद (नरौड़ा) निवासी 11 वर्षीय बालक अपनी मां से डांट खाने के बाद नाराज़ होकर घर से निकल गया। वह डुंगरपुर में रिश्तेदारों के पास जाना चाहता था, लेकिन रास्ता भटककर सीकर रेलवे स्टेशन पहुँच गया।
चाइल्ड लाइन और बाल कल्याण समिति की मदद
रेलवे स्टेशन पर मौजूद चाइल्ड लाइन टीम ने बालक को सुरक्षित लिया और बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। समिति ने उसे परमार्थ सेवा समिति, सीकर के बालगृह ‘परमार्थ आश्रम’ में अस्थायी रूप से रखने का आदेश दिया।
काउंसलिंग और परिजनों तक पहुंच
आश्रम में काउंसलिंग के दौरान बालक ने अपने स्कूल की जानकारी दी। नेट सर्च से स्कूल का पता और संपर्क नंबर मिला। स्कूल संचालक नेम्बियार ने तुरंत परिजनों को सूचित किया।
परिजन नजदीकी थाने पहुँचे और वीडियो कॉल पर मां की पहचान के बाद आवश्यक दस्तावेजों के साथ बालक को लेने पहुंचे।
800 किलोमीटर दूर से परिवार तक पहुंचा बालक
करीब 800 किमी दूर से 5 दिनों के प्रयासों के बाद बालक को उसके परिवार से मिलाया गया।
अधिकारियों की अपील
बाल संरक्षण इकाई सीकर की सहायक निदेशक डॉ. गार्गी शर्मा ने कहा–
“बच्चों को डांटने के बजाय प्यार और समझाइश से समझाना चाहिए। इससे वे मानसिक रूप से सुरक्षित महसूस करते हैं।”