बढ़ते साइबर अपराधों पर पुलिस की एडवाइजरी
सीकर, राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने आमजन को साइबर हमलों और ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाने के लिए नई एडवाइजरी जारी की है। इसमें लोगों को ई-स्कैन बोट रिमूवल ऐप का उपयोग करने की सलाह दी गई है।
साइबर अपराधियों का नया तरीका
साइबर क्राइम एसपी शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि अपराधी इन दिनों नकली वेबसाइट, फिशिंग लिंक और मैलवेयर के जरिए लोगों को निशाना बना रहे हैं।
ये हमले खासकर स्मार्टफोन, बैंकिंग ऐप्स और सोशल मीडिया के माध्यम से किए जा रहे हैं। जैसे ही यूजर किसी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करता है, उसके डिवाइस में मालवेयर इंस्टॉल होकर पर्सनल और फाइनेंशियल डेटा चुरा लेता है।
ई-स्कैन ऐप कैसे करेगा मदद?
पुलिस की एडवाइजरी में बताया गया है कि ई-स्कैन बोट रिमूवल ऐप इन हमलों से बचाव का सरल उपाय है।
- मोबाइल या कंप्यूटर पर ऐप खोलें।
- ‘स्कैन’ विकल्प चुनें और फुल स्कैन पर टैप करें।
- स्कैन के बाद ऐप रिपोर्ट दिखाएगा, जिसमें मिले बॉट्स, मैलवेयर और संदिग्ध फाइलें होंगी।
- रिमूव/डिलीट बटन दबाकर इन्हें हटाया जा सकता है।
पुलिस ने सुझाव दिया है कि इस प्रक्रिया को नियमित रूप से दोहराने पर डिवाइस सुरक्षित रहेगा।
साइबर अपराध का शिकार होने पर क्या करें?
पुलिस ने आमजन से अपील की है कि यदि कोई साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाता है तो तुरंत शिकायत करें।
- नजदीकी पुलिस थाने या साइबर पुलिस स्टेशन जाएं।
- राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट दर्ज करवाएं।
- साइबर हेल्पलाइन 1930 या स्थानीय हेल्पडेस्क नंबर 9256001930/9257510100 पर भी संपर्क किया जा सकता है।