फतेहपुर। फतेहपुर कस्बे में फर्जी रिपोर्ट और कूटरचित दस्तावेज तैयार कर कृषि भूमि हड़पने के आरोप में तत्कालीन पटवारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। कोतवाली पुलिस ने आरोपी पटवारी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसकी जमानत याचिका खारिज कर जेल भेज दिया गया।
पूरा मामला क्या है
परिवादी महेश कुमार पुत्र शंकरलाल सांवलका महाजन, निवासी फतेहपुर ने एसीजेएम कोर्ट के जरिये थाना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उसके पूर्वजों की कृषि भूमि (खसरा नंबर पुराना 826 और नया 1101) पर मंदिर और कुआं बना हुआ है।
महेश कुमार ने आरोप लगाया कि 16 लोगों ने मिलकर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र, फर्जी वारिस प्रमाण पत्र और कूटरचित दस्तावेज तैयार कर भूमि का विक्रय पत्र बनवा लिया।
एफआर खारिज, दोबारा जांच के आदेश
शुरुआती जांच में पुलिस ने एफआर लगाकर कोर्ट में प्रस्तुत की, जिसे एसीजेएम कोर्ट ने अस्वीकार करते हुए दोबारा जांच के आदेश दिए। अधिवक्ता जीएल निर्मल के अनुसार, जांच में बार-बार बदलाव होता रहा, लेकिन अंततः पुलिस ने पाया कि विवादित भूमि पर कब्जा परिवादी पक्ष का ही है।
पटवारी की भूमिका उजागर, गिरफ्तारी
प्रकरण में तत्कालीन शहर पटवारी श्रवण कुमार मेधवाल पुत्र कानाराम निवासी रामदेवरा (चूरू) की भूमिका सामने आई, जो आरोपियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार करने में संलिप्त पाया गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर एसीजेएम कोर्ट में पेश किया, जहां से जमानत याचिका खारिज होने पर उसे जेल भेज दिया गया।