खुद के एंड्रॉयड फोन से बीमा पंजीकरण कर पाएंगे पशुपालक
1 दिसंबर से विशेष शिविर लगाकर होंगे बीमा कार्य
सीकर, मुख्यमंत्री मंगला बीमा योजना के पंजीकरण 21 नवंबर से शुरू हो रहे है। उल्लेखनीय है कि पिछले बजट की तुलना में इस बार बजट में बीमा का दायरा हुआ दुगना किया गया है। प्रदेश के 42 लाख पशुओं को बीमा कवरेज मिलेगा जिसमें पिछले बजट के 21 लाख पशु शामिल हैं। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस योजना का दायरा दोगुना कर दिया है इस संबंध में प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई है। वर्ष 2024-25 की बजट घोषणा बिंदु संख्या-132 के अंतर्गत 5-5 लाख दुधारू गाय, भैंस, 5-5 लाख भेड़, बकरी एवं 1 लाख ऊँट वंशीय पशुओं का बीमा करवाया गया था। अब 2025-26 की बजट घोषणा में इस संख्या को दोगुना करते हुए 10-10 लाख दुधारू गाय/भैंस, 10-10 लाख भेड़-बकरी और 2 लाख ऊँट वंशीय पशुओं का बीमा किया जाएगा। बीमा योजना का लाभ लेने हेतु पशुपालक खुद के फोन से पशु का पंजीकरण कर सकेंगे, इसके लिए पशु के ईयर टैग / कुड़की लगी होना अनिवार्य है।
प्रति पशुपालक अधिकतम बीमा सीमा निर्धारित
पशु सीमा
गाय – अधिकतम 2
भैंस – अधिकतम 2
बकरी – अधिकतम 10
भेड़ – अधिकतम 10
ऊँट – अधिकतम 10
व्यय करने की दी गई अनुमति
योजना के क्रियान्वयन के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में बजट प्रावधान की सीमा में व्यय करने की अनुमति दी गई है। यदि अतिरिक्त राशि की आवश्यकता होगी, तो उसका प्रस्ताव वित्त विभाग को संशोधित अनुमानों के समय भेजा जाएगा।
पशुपालकों को मिलेगा सीधा लाभ
मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के विस्तार से प्रदेश के पशुपालकों को व्यापक लाभ मिलेगा। इससे पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा और पशुपालक अपने पशुओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर निश्चिंत रह सकेंगे। सरकार का यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है।
“1 दिसंबर से फरवरी अंत तक लगेंगे विशेष बीमा शिविर, एक की बजाय 10 ऊंटों का बीमा हो सकेगा”
मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना की कार्य योजना में पिछले बजट वर्ष की तुलना में इस बार कुछ परिवर्तन किए गए हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 21 नवंबर से ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हो जाएगा। इस बार एक जनाधार कार्ड से 1 ऊंट की बजाय 10 ऊंटों का बीमा करवाया जा सकेगा। पशुपालक को अपने पशुओं का ऑनलाइन पंजीकरण करवाना पड़ेगा। इसके लिए मोबाइल एप पर या वेबसाइट पर ई मित्र की मदद से पंजीकरण करवाया जा सकता है। पशुपालन विभाग के कार्मिकों की मदद भी ले सकते ह।
इसके बाद 1 दिसंबर माह से फरवरी 2026 तक पशु चिकित्सक और बीमा सर्वे एजेंट संयुक्त रूप से मिलकर ग्राम स्तर पर एक शिविर आयोजित करेंगे और उस शिविर में पंजीकृत पशुओं का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करके बीमा कार्य संपन्न करेंगे। उसके बाद बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग अर्थात एसआईपीएफ बीमा पॉलिसी जारी करेगा। इसके बाद 21 दिन का ग्रेस पीरियड भी होता है। उसके बाद पशु की मृत्यु होने पर तुरंत सूचना देनी होगी। शिविर लगाने से बीमा कार्य जल्दी समाप्त होगा और बीमा पॉलिसी जारी हो जाएगी।
सिर्फ डेथ सर्टिफिकेट से ही काम चल जायेगा –
अब बीमित पशु की मृत्यु पर पोस्टमॉर्टम नहीं करवाना होगा सिर्फ पशु चिकित्सक के डेथ सर्टिफिकेट जारी करने पर ही पशुपालक को बीमा राशि का भुगतान हो जाएगा।
मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज –
- जनाधार कार्ड
- पशु और पशुपालक की फोटो
- पशु के ईयर टैग नंबर (कान की कुड़की पर लिखे 12 डिजिट)
- 4. जनाधार से जुड़ा मोबाइल जिसपर ओटीपी आता है
पिछले बजट की बीमा योजना की प्रगति – बजट घोषणा 2024-25 की मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना में जो 21 लाख पंजीकरण हुए थे। पशुपालक उन पंजीकरण को ही बीमा होना समझ रहे थे। पशुपालक ‘ऑनलाइन पंजीकरण कार्य’ को ही पशुपालक बीमा प्रक्रिया पूर्ण होना मान रहे थे। उनको समझाया गया कि पशु चिकित्सक द्वारा पशुओं के स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी होंगे उसके बाद बीमा एजेंट के वेरिफाई करने पर बीमा प्रक्रिया पूर्ण होंगी। उसके बाद 21 दिन का ग्रेस पीरियड अलग से है।
पशुपालक क्या क्या तैयारी रखें :-
बीमा कार्य “पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर होगा इसलिए अगर पंजीकरण और बीमा करवाने में ढील रखी गई तो बीमा लाभ से वंचित रहने की संभावना है इसलिए
- पशुपालक जनाधार कार्ड से जुड़े बैंक खाते और मोबाइल नंबर को अपडेट करवा ले। राजस्थान ग्रामीण बैंक बनने के बाद इसमें विलय हुए बैंकों के खाताधारकों के खाते नंबर बदल दिए गए है। खाते नंबर अपडेट नहीं होने पर बीमा राशि का भुगतान अटक जाएगा।
- पशुपालक अपने दुधारू पशुओं, भेड़ बकरियों और ऊंटों के ईयर टैगिंग/कुड़की लगवा ले। अभी मुंहपका खुरपका टीकाकरण अभियान चल रहा है और पशुपालन विभाग का स्टॉफ फील्ड में डोर टू डोर उपलब्ध है इसलिए ईयर टैगिंग करवा लेवें।
- मंगला पशु बीमा योजना की नई ऐप फोन में डाउनलोड कर लेवें और ध्यान रखें कि बीमा योजना हेतु अपने पशुओं का पंजीकरण खुद किया जा सकता है।
एक्सपर्ट व्यू:-
21 नवंबर से मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के पंजीकरण शुरू होंगे। ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर बीमा पंजीकरण करवा लेवें। फिर 1 दिसंबर से फरवरी अंत तक विशेष शिविर लगाकर बीमा कार्य होंगे।फिर एसआईपीएफ बीमा पॉलिसी जारी करेगा।
- डॉ योगेश आर्य, पशु चिकित्सा विशेषज्ञ, नीमकाथाना