सीकर, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की बजट घोषणा वर्ष 2025-26 की घोषणा संख्या 129.16.00 प्रदेश में लघु एवं सीमान्त कृषकों को बैलों से खेती करवाये जाने पर प्रोत्साहन राशि के रूप में 30 हजार रूपये प्रतिवर्ष दिये जाने के क्रियान्वयन के लिए दिशा-निर्देश दिये है।
कृषकों के लिए निर्देश :-
अनुदान के लिये पात्रता :- कृषक के पास एक जोडी (2 बैल) बैल होने चाहिए, जिनका उपयोग कृषि में किया जा रहा हो। कृषक लघु,सीमान्त हो, लघु,सीमान्त का प्रमाण पत्र तहसीलदार से प्रमाणित, DILRMP (http:dilrmp.gov.in से डाऊनलोड भूमि का विवरण होना चाहिए। बैलों का पशु बीमा होना आवश्यक है। बैलों की उम्र 15 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिये। राज्य सरकार के अनुसार मंदिर भूमि के लिए निर्धारित पंजिका में वर्णित पुजारी मंदिर भूमि के संरक्षक के रूप में वांछित पात्रता रखने पर अनुदान के लिये पात्र होगें।
राज्य के जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में राज्य सरकार के सक्षम अधिकारी द्वारा प्रदत्त वनाधिकार पट्टे, जिसमें कृषक की भूमि का स्थान, क्षेत्रफल, अक्षांश व देशान्तर अंकित है, ऐसे भूमि प्रदत्त कृषकों को भी वांछित पात्रता रखने पर लाभान्वित किया जा सकेगा।
अनुदान के लिए आवश्यक दस्तावेजः- कृषक को अनुदान के लिए जनआधार कार्ड एवं आधार कार्ड की प्रति संलग्न करनी होगी। आवेदन पत्र को ई-प्रपत्र में भरा जावेगा एवं आवश्यक दस्तावेज जमाबन्दी की नकल (6 माह से अधिक पुरानी नहीं हो) को स्केन कर अपलोड करने होंगे।
राज्य के जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में राज्य सरकार के सक्षम अधिकारी द्वारा प्रदत्त वनाधिकार पट्टाधारक कृषक को आवेदन पत्र के साथ वनाधिकार पट्टे की छायाप्रति संलग्न करनी होगी। कृषक के स्वयं के नाम से भू-स्वामित्व नहीं होने की स्थिति में अर्थात् कृषक के पिता के जीवित होने एवं परिवार से अलग रहने अथवा मृत्यु पश्चात् नामान्तरण के अभाव में यदि आवेदक कृषक स्वयं के पक्ष में राजस्व विभाग द्वारा सक्षम स्तर से भू-स्वामित्व में नोशनल शेयर धारक का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करता है तो ऐसे कृषक को भी अनुदान के लिए पात्र माना जायेगा ।
आवेदन प्रक्रिया :-बैलों से खेती के लिए कृषक नजदीकी ई-मित्र पर जाकर अथवा स्वयं के स्तर पर राजकिसान साथी पोर्टल पर जनाधार के माध्यम से आवेदन कर सकेगा। ऑफलाईन आवेदन स्वीकार नहीं किये जावेगें। बैलों की जोड़ी की कृषक के साथ फोटो पोर्टल पर अपलोड करना होगा। बैलों की पशु बीमा पोलिसी एवं स्वास्थ्य प्रमाण पत्र अपलोड करना होगा।
कृषक को 100/- के नान जुडिशियल स्टाम्प पर शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा, जिसका प्रारूप पोर्टल एवं दिशा-निर्देशो के साथ संलग्न है। कृषक द्वारा लघु,सीमान्त श्रेणी का तहसीलदार से प्रमाणित प्रमाण पत्र अपलोड करना होगा।
आवेदन पत्र को ऑन लाईन ई-प्रपत्र में भरा जावेगा एवं आवश्यक दस्तावेज को स्केन कर अपलोड करेगा तथा ई-प्रपत्र में शपथ सहमति प्रदान करेगा।
कियोस्ककर्ता आवेदक को आवेदन पत्र की प्राप्ति रसीद देगा तथा स्वयं के स्तर पर आवेदन में आवेदक प्राप्ति रसीद ऑनलाईन ही प्राप्त कर सकेगा।
आवेदन पत्र की ऑनलाईन स्क्रूटनी के समय आवेदन में कोई कमी पाये जाने पर आवेदक को आधार से जुड़े मोबाईल नम्बर पर एसएमएस प्राप्त होगा, जिस पर आवेदक को 30 दिवस में कमी की पूर्ति करनी होगी अन्यथा 30 दिवस के बाद आवेदन स्वतः ही निरस्त हो जायेगा। आवेदनकर्ता आवेदन के पश्चात् राजकिसान सुविधा मोबाईल एप अथवा राजकिसान साथी पोर्टल पर आवेदन की स्थिति, प्रगति की जानकारी ऑनलाईन प्राप्त कर सकेगें। संबंधित कार्यालयों के अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा प्राप्त आवेदन पत्रों की जांच (Scrutiny) संबंधित आवश्यक कार्यवाही करनी होगी एवं समय-समय पर राजकिसान साथी पोर्टल में अंकित प्रक्रिया अनुसार आवेदनों की वस्तुस्थिति का अद्यतन करना होगा।
इन सेवाओं से संबंधित वस्तुस्थिति एवं आदेश, प्रमाणपत्र, मंजूरी इत्त्यादि आवेदकों को ऑनलाईन, एस.एम.एस. द्वारा उपलब्ध करवायी जायेगी जिसे आवेदकों द्वारा कियोस्क या स्वयं के माध्यम से मुद्रण प्राप्त किया जा सकता है।
विभागीय कार्यालयों के लिए निर्देशः-
आवेदन पत्रों का निस्तारण :- केवल लघु,सीमान्त कृषक ही अनुदान के पात्र होंगे।
ऑन लाईन आवेदन पत्र प्राप्त होने के पश्चात् संबंधित कार्यालयों के अधिकारियों द्वारा Online Scrutiny की जावेगी।
ऑनलाईन आवेदन प्राप्त होने पर कार्यालय स्तर पर आवेदन पत्र के सभी बिन्दुओं व दिए गए प्रमाण पत्रों और दस्तावेजों के आधार पर सुनिश्चित किया जावे कि पहले आओ पहले पाओं के आधार पर ही आवेदनों का निस्तारण किया जायेगा।
प्रशासनिक स्वीकृति :-सम्बधित संयुक्त निदेशक कृषि (वि.) जिला परिषद द्वारा प्रोत्साहन राशि रूपये 30000 के लिए पात्र, पत्रावलियों की 10 दिवस में कार्यवाही पूर्ण कराई जाकर “प्रशासनिक स्वीकृति” जारी करेगा।
योजना के प्रावधान अनुसार उप जिले को आवंटित निर्धारित लक्ष्यों के मध्यनजर ही प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जाये। आवंटित वित्तीय प्रावधानों से अधिक प्रशासनिक स्वीकृति जारी नहीं की जावे।
कार्यालय द्वारा जारी “प्रशासनिक स्वीकृति” के संबंध में संबंधित कृषक को मोबाईल पर एस.एम.एस भेजा जायेगा। संबंधित सहायक कृषि अधिकारी, कृषि पर्यवेक्षक द्वारा भी कृषक को सूचित किया जावेगा।
भौतिक सत्यापन:- कृषक द्वारा बैलों से खेती का भौतिक सत्यापन किसान साथी पोर्टल द्वारा आंवटित विभागीय अधिकारी (सहायक कृषि अधिकारी, कृषि पर्यवेक्षक), ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी, सम्बन्धित ग्राम पंचायत एवं पशुपालन विभाग का उस क्षेत्र से सम्बन्धित क्षेत्रीय कार्मिक द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। भौतिक सत्यापन एवं जियो टेग फोटो के समय कृषक की भौतिक सत्यापन टीम व बैलों साथ खेत पर उपस्थिति अनिवार्य होगी। भौतिक सत्यापन के दौरान संबंधित कृषि पर्यवेक्षक, सहायक कृषि अधिकारी अनुदान के लिए पात्र कृषक के बैलों से खेती का राजकिसान सत्यापन एप के माध्यम से जियोटेगिंग कर कृषक का फोटो मय बैल जोडी अंकित कर अपलोड करेंगे।
वित्तीय स्वीकृतिः- यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रदेश में लघु एवं सीमान्त कृषकों को बैलों से खेती करवाये जाने पर प्रोत्साहन राशि के रूप में राशि रूपये 30000/- दिये जाने के लिए आयुक्तालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की पूर्ण पालना की गई है एवं कृषक पात्रता रखते हैं। भौतिक सत्यापन उपरान्त विभागीय दिशा-निर्देशानुसार पात्र पाये जाने पर वित्तीय स्वीकृति जारी कर कृषकों को प्रोत्साहन राशि रूपये 30 हजार रूपये का भुगतान जनाधार से जुडे खाते में सबंधित संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद द्वारा किया जायेगा।
निरीक्षण -इस कार्यक्रम के अन्तर्गत लाभान्वित कृषकों के द्वारा बैलों से खेती की जा रही है, का निरीक्षण अतिरिक्त निदेशक कृषि (विस्तार) खण्ड द्वारा 2 प्रतिशत, संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद्,प निदेशक, सिंचित क्षेत्र विकास, इंदिरा गांधी नहर परियोजना, परियोजना निदेशक सीएडी कोटा द्वारा 3 प्रतिशत, संबंधित सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) द्वारा 5 प्रतिशत, कृषि अधिकारी द्वारा 10 प्रतिशत राज किसान साथी पोर्टल पर विकसित मोड्यूल के माध्यम से किया जावेगा।
संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद् प्रगति की समीक्षा कर प्रत्येक माह की 5 तारीख तक प्रगति रिपोर्ट खण्डीय कार्यालय एवं कृषि आयुक्तालय को भिजवायेंगे।
सामान्य निर्देश-
उप जिला स्तर पर प्राप्त एवं स्वीकृति प्रदत्त आवेदनों के रिकार्ड का संधारण किया जावेगा। साथ ही प्रगति का श्रेणीवार भी संधारण किया जायेगा। योजना के प्रावधान अनुसार उप जिले को आवंटित लक्ष्यों के मध्यनजर ही प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जावे।