Vaibhav Laxmi Ji Ki Aarti: हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। ऐसे ही शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी के अलावा वैभव लक्ष्मी जी की पूजा करने का विधान है। शास्त्रों में मां वैभव लक्ष्मी को समृद्धि, ऐश्वर्य और धन की देवी माना जाता है। इनकी पूजा करने के साथ-साथ व्रत रखने से व्यक्ति को हर एक दुख-दर्द से निजात मिल जाती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। माता वैभव लक्ष्मी की पूजा करने के साथ अंत में इस आरती का पाठ अवश्य करें। यहां पढ़िए मां वैभव लक्ष्मी जी की आरती ओम जय वैभव लक्ष्मी माता, मैया जय वैभव लक्ष्मी माता लिरिक्स इन हिंदी, साथ ही जानें वैभव लक्ष्मी जी की आरती का महत्व, लाभ, अर्थ, आरती करने का सही समय और अन्य जानकारी…
Vaibhav Lakshmi Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi ( वैभव लक्ष्मी जी की आरती लिरिक्स इन हिंदी)
ॐ वैभव लक्ष्मी माता, मैया वैभव लक्ष्मी माता,
भक्तों के हितकारिनी, भक्तों के हितकारिनी,
सुख वैभव दाता, ॐ वैभव लक्ष्मी माता ।
लक्ष्मी माँ का नाम जो लेता, सुख सम्पति पाता,
मैया सुख सम्पति पाता, दुःख दरिद्र मिटता,
दुःख दरिद्र मिटता, बांछित फल पाता ।
ॐ वैभव लक्ष्मी माता, मैया वैभव लक्ष्मी माता,
भक्तों के हितकारिनी, भक्तों के हितकारिनी,
सुख वैभव दाता, ॐ वैभव लक्ष्मी माता ।
लक्ष्मी माता तू जग माता, जग पालक रानी,
मैया जग पालक रानी, हाथ जोड़ गुण गाते,
हाथ जोड़ गुण गाते, जग के सब प्राणी ।
ॐ वैभव लक्ष्मी माता, मैया वैभव लक्ष्मी माता,
भक्तों के हितकारिनी, भक्तों के हितकारिनी,
सुख वैभव दाता, ॐ वैभव लक्ष्मी माता ।
हे माँ तेरी शरण में जो आता, तेरी भक्ति पाता,
मैया तेरी भक्ति पाता, माँ तेरी ममता पा के,
माँ तेरी ममता पा के, अंत स्वर्ग जाता ।
ॐ वैभव लक्ष्मी माता, मैया वैभव लक्ष्मी माता,
भक्तों के हितकारिनी, भक्तों के हितकारिनी,
सुख वैभव दाता, ॐ वैभव लक्ष्मी माता ।
ॐ वैभव लक्ष्मी माता, मैया वैभव लक्ष्मी माता,
भक्तों के हितकारिनी, भक्तों के हितकारिनी,
सुख वैभव दाता, ॐ वैभव लक्ष्मी माता,
ॐ वैभव लक्ष्मी माता ।
वैभव लक्ष्मी जी की आरती का महत्व
हिंदू धर्म में वैभव लक्ष्मी जी की आरती का अत्यधिक महत्व है। यह आरती मां लक्ष्मी के उस रूप की पूजा करती है, जो समृद्धि, ऐश्वर्य और धन की देवी मानी जाती हैं। वैभव लक्ष्मी की आरती करने से भौतिक सुख-समृद्धि के साथ मानसिक शांति और सुख-समृद्धि, धन वैभव की भी प्राप्ति होती है।
वैभव लक्ष्मी जी की आरती करने के लाभ
- मां वैभव लक्ष्मी की आरती करने से घर में सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य का वास होता है। आर्थिक समस्याओं से निजात मिल जाती है।
- वैभव लक्ष्मी की आरती करने से अध्यात्म की ओर आपका झुकाव अधिक होता है। इसके साथ ही मानसिक शांति मिलती है।
- नौकरी, व्यापार में अपार सफलता प्राप्ति होती है। दिन दो दूनी रात चौगुनी बरकत होती है।
- वैभव लक्ष्मी जी की आरती का पाठ करने से शारीरिक, मानसिक, आर्थिक सहित अन्य समस्याओं से निजात मिल जाती है।
- वैभव लक्ष्मी की आरती करने वह शत्रुओं का नाश करती हैं और हर एक संकट से बचाती है।
वैभव लक्ष्मी जी की आरती कैसे करें
एक पीतल, चांदी या लोहे को छोड़कर कोई अन्य धातु की थाली लें और इसमें कमल या गुलाब का फूल के साथ सिंदूर, अक्षत और कुछ रुपए के साथ घी का दीपक और कपूर रख लें। इसके बाद आप वैभव लक्ष्मी जी की बिना किसी त्रुटि के आरती कर लें।
वैभव लक्ष्मी माता की आरती का सही समय?
वैभव लक्ष्मी जी की आरती ब्रह्म मुहूर्त से लेकर शाम तक किसी भी समय कर सकते हैं। अगर आप रोजाना आरती नहीं कर सकते हैं, तो शुक्रवार के दिन अवश्य करना चाहिए।
वैभव लक्ष्मी जी की आरती के बाद क्या करना चाहिए?
मां लक्ष्मी की विधिवत आरती करने के बाद दीपक की जल से आचमन करना चाहिए। इसके बाद वैभव लक्ष्मी जी के जयकारे लगाएं। फिर सभी को आरती दें। अंत में भूल चूक की माफी मांग लें। इसके बाद सभी को प्रसाद दें और स्वयं ग्रहण करें।
वैभव लक्ष्मी जी की आरती अर्थ सहित
आरती- ॐ वैभव लक्ष्मी माता, मैया वैभव लक्ष्मी माता,
भक्तों के हितकारिनी, भक्तों के हितकारिनी,
सुख वैभव दाता, ॐ वैभव लक्ष्मी माता ।
अर्थ- मां वैभव लक्ष्मी माता की जय हो। भक्तों का हमेशा कल्याण करने वाली मां वैभव लक्ष्मी की जय हो, जो हर भक्त को सुख-वैभव देती हैं।
आरती- लक्ष्मी माँ का नाम जो लेता, सुख सम्पति पाता,
मैया सुख सम्पति पाता, दुःख दरिद्र मिटता,
दुःख दरिद्र मिटता, बांछित फल पाता ।
अर्थ- माता लक्ष्मी जी जो भी व्यक्ति नाम लेता है, तो वह सुख-समृद्धि पाता है और हर तरह के दुख और दरुिद्रता से निजात पा लेता है। इसके साथ ही मनचाहा फल भी पाता है।
आरती- लक्ष्मी माता तू जग माता, जग पालक रानी,
मैया जग पालक रानी, हाथ जोड़ गुण गाते,
हाथ जोड़ गुण गाते, जग के सब प्राणी ।
अर्थ- माता वैभव लक्ष्मी आप इस पूरे संसार की माता है। इस संसार की पालक है। पूरे संसार के भक्त हाथ जोड़कर आपके गुण गाते हैं।
आरती- ॐ वैभव लक्ष्मी माता, मैया वैभव लक्ष्मी माता,
भक्तों के हितकारिनी, भक्तों के हितकारिनी,
सुख वैभव दाता, ॐ वैभव लक्ष्मी माता ।
अर्थ- मां वैभव लक्ष्मी माता की जय हो। भक्तों का हमेशा कल्याण करने वाली मां वैभव लक्ष्मी की जय हो, जो हर भक्त को सुख-वैभव देती हैं।
आरती- हे माँ तेरी शरण में जो आता, तेरी भक्ति पाता,
मैया तेरी भक्ति पाता, माँ तेरी ममता पा के,
माँ तेरी ममता पा के, अंत स्वर्ग जाता ।
अर्थ- मां वैभव लक्ष्मी के शरण में जो भी भक्त आता है, तो वह तेरी भक्ति पाता है। इसके साथ ही मां तेरी मामता पाकर वह अंत में स्वर्ग जाता हैय़
आरती- ॐ वैभव लक्ष्मी माता, मैया वैभव लक्ष्मी माता,
भक्तों के हितकारिनी, भक्तों के हितकारिनी,
सुख वैभव दाता, ॐ वैभव लक्ष्मी माता ।
अर्थ- मां वैभव लक्ष्मी माता की जय हो। भक्तों का हमेशा कल्याण करने वाली मां वैभव लक्ष्मी की जय हो, जो हर भक्त को सुख-वैभव देती हैं।