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नवरात्र का महत्व: देवी पूजन, वैज्ञानिक रहस्य और नौ रूपों की आराधना

Navratra festival worship nine forms of goddess with rituals

नवरात्र केवल पर्व नहीं, आत्मिक शुद्धि और शक्ति का संदेश

नवरात्र का अर्थ और महत्व

नवरात्र का शाब्दिक अर्थ है नौ रातें। यह पर्व साल में दो बार आता है – चैत्र और अश्विन मास में। विशेषकर शारदीय नवरात्र का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अधिक माना गया है। यह पर्व देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा को समर्पित है।

नवरात्र अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है। यह पर्व हमें अपने अहंकार, क्रोध और लोभ जैसी बुराइयों पर विजय पाने की प्रेरणा देता है।


महिषासुर मर्दिनी की कथा

पौराणिक मान्यता के अनुसार, राक्षस महिषासुर को ब्रह्मा से अमरता का वरदान मिला। इसके बाद उसने देवताओं पर अत्याचार शुरू किया। तब देवताओं ने अपनी शक्तियां मिलाकर मां दुर्गा को उत्पन्न किया। नौ दिन चले भीषण युद्ध के बाद देवी ने महिषासुर का वध किया। इसी कारण दसवां दिन विजयादशमी कहलाता है।


नवदुर्गा के नौ स्वरूप

नवरात्रि में मां दुर्गा की नवदुर्गा के रूप में पूजा होती है।

  1. शैलपुत्री – दृढ़ता और प्रकृति की शक्ति
  2. ब्रह्मचारिणी – तपस्या और संयम
  3. चंद्रघंटा – शांति और वीरता
  4. कूष्मांडा – सृष्टि की ऊर्जा
  5. स्कंदमाता – मातृत्व और स्नेह
  6. कात्यायनी – पराक्रम और शक्ति
  7. कालरात्रि – अंधकार का नाश
  8. महागौरी – पवित्रता और शुद्धि
  9. सिद्धिदात्री – सिद्धियां प्रदान करने वाली

पूजा-व्रत और परंपराएं

  • भक्तजन कलश स्थापना और व्रत रखते हैं।
  • प्रतिदिन देवी की आरती और भजन किए जाते हैं।
  • अष्टमी/नवमी पर कन्या पूजन कर नौ कन्याओं को भोजन कराया जाता है।

गुजरात में गरबा-डांडिया, पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा और उत्तर भारत में जागरण-भजन के रूप में यह पर्व अलग-अलग ढंग से मनाया जाता है।


नवरात्र और वैज्ञानिक रहस्य

ऋषि-मुनियों ने रात्रि साधना को विशेष महत्व दिया। वैज्ञानिक दृष्टि से, रात्रि में प्रकृति के अवरोध कम हो जाते हैं और मंत्र-जाप की तरंगें अधिक प्रभावशाली होती हैं।

दिन की तुलना में रात को ध्वनि तरंगें दूर तक जाती हैं।
मंदिरों में घंटी और शंख की ध्वनि वातावरण को शुद्ध करती है।
सात्विक आहार और संयम से शरीर और मन की शुद्धि होती है।


स्वास्थ्य और साधना का पर्व

नवरात्र ऋतु परिवर्तन के समय आता है। यह समय शरीर को शुद्ध करने, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और मानसिक शक्ति संचय का अवसर देता है। उपवास और योग-साधना से भक्त आत्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करते हैं।


निष्कर्ष

नवरात्र केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह आत्मिक साधना, वैज्ञानिक रहस्य और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। यह हमें याद दिलाता है कि देवी शक्ति हर नारी में विद्यमान है और बुराई पर हमेशा अच्छाई की विजय होती है।