नवरात्रि में मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए अपनाएं ये नियम
नवरात्रि और मां दुर्गा की उपासना
नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा की उपासना और साधना का विशेष अवसर माना जाता है। मान्यता है कि इन नौ दिनों में भक्त यदि विधिवत पूजा-अर्चना करें तो उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
इस बार नवरात्रि की शुरुआत 22 सितम्बर, सोमवार से हो चुकी है। भक्त उपवास रखते हुए माता रानी की आराधना कर रहे हैं।
नवरात्रि पूजन के आवश्यक नियम
- पूजा स्थल की शुद्धि
मां दुर्गा की पूजा से पहले स्थल को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करना चाहिए। माना जाता है कि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। - लाल रंग का महत्व
पूजन में लाल रंग का विशेष महत्व है। माता रानी को लाल वस्त्र, फूल और चुनरी अर्पित करने से भक्तों को शक्ति और शत्रुओं पर विजय का आशीर्वाद मिलता है। - दीपक और अखंड ज्योत
हिंदू मान्यताओं में दीपक की ज्योति शक्ति का प्रतीक मानी गई है। नवरात्रि में दीपक जलाना अनिवार्य है। भक्त चाहें तो अखंड ज्योत भी जला सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि इसे कभी अकेला न छोड़ें। - सात्विक भोग का नियम
नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा को केवल सात्विक चीजों का भोग लगाना चाहिए। तामसिक पदार्थों का प्रयोग वर्जित माना गया है। - शुद्ध विचार और आचरण
पूजन के समय मन को क्रोध और अपशब्दों से दूर रखना चाहिए। मां दुर्गा केवल शुद्ध हृदय और सकारात्मक विचार रखने वाले भक्तों पर प्रसन्न होती हैं।
भक्तों की आस्था
स्थानीय श्रद्धालुओं का मानना है कि नवरात्रि में इन नियमों का पालन करने से न केवल माता रानी प्रसन्न होती हैं, बल्कि परिवार में समृद्धि, स्वास्थ्य और सौभाग्य की प्राप्ति भी होती है।