झुंझुनू नगर परिषद अभियान पर कर्मचारियों ने लगाया पक्षपात का आरोप
झुंझुनूं। शहर में चल रहे अस्थाई अतिक्रमण हटाओ अभियान का चौथा दिन उस समय विवादों में बदल गया, जब नगर परिषद के कर्मचारी और अधिकारी आपस में ही उलझ गए। विवाद इतना बढ़ गया कि कर्मचारियों ने अभियान बीच में ही रोक दिया और लौटकर कार्यालय आ गए।
रोड नंबर-2 से शुरू हुआ अभियान, कबाड़ी मार्केट की ओर बढ़ रहा था
सुबह अभियान रोड नंबर-2 से आगे बढ़ रहा था और कबाड़ी मार्केट क्षेत्र में कार्रवाई होनी थी।
इसी दौरान कर्मचारियों में असंतोष उभरकर सामने आया।
कर्मचारियों का आरोप — “प्रभावशाली लोगों पर कार्रवाई नहीं, गरीबों को निशाना”
कर्मचारियों ने मौके पर ही अधिकारियों से तीखी बहस शुरू कर दी।
उनका आरोप था कि—
“कुछ प्रभावशाली और जानकार लोगों के अतिक्रमण जानबूझकर छोड़े जा रहे हैं, जबकि छोटे दुकानदारों के खिलाफ सख्ती की जा रही है।”
उन्होंने कहा कि यह पक्षपातपूर्ण कार्रवाई है और वे ऐसे अभियान में शामिल नहीं रह सकते।
कर्मचारियों ने कहा — “समान रूप से कार्रवाई नहीं, तो काम बंद”
कर्मचारियों ने साफ कहा कि—
“जब तक सभी पर समान रूप से कार्रवाई नहीं होती, तब तक वे अभियान का हिस्सा नहीं बनेंगे।”
इसके बाद सभी कर्मचारी मौके से लौट गए और पूरे दिन का अभियान पूरी तरह ठप हो गया।
राजस्व अधिकारियों ने समझाइश दी, कहा—“अब एकरूपता से कार्रवाई”
मौके पर उपस्थित राजस्व अधिकारियों ने कर्मचारियों को मनाने की कोशिश की और आश्वासन दिया कि आगे कार्रवाई एकरूपता और पारदर्शिता के साथ ही होगी।
अधिकारियों के अनुसार—
“भविष्य में किसी भी व्यक्ति को विशेष लाभ नहीं दिया जाएगा। अभियान निष्पक्ष रहेगा।”
शहर में बढ़ी चर्चा, लोगों ने सवाल उठाए
अभियान रुकने के बाद शहर में इस घटना की काफी चर्चा रही।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अतिक्रमण पर सख्ती जरूरी है, लेकिन कार्रवाई समान और निष्पक्ष होनी चाहिए।