33 हजार लोगों के सपने तोड़े, अब खुद की ज़िंदगी जेल में!
झुंझुनूं, पुलिस थाना कोतवाली झुंझुनूं की टीम ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए 13 साल से फरार चिटफंड घोटाले के आरोपी पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है।
इन पर 22 करोड़ रुपये की ठगी और राजस्थान सहित कई राज्यों में करीब 33 हजार लोगों को चूना लगाने का आरोप है।
कैसे की गई थी ठगी?
वर्ष 2010 में श्रीराम सैनी और नीना सैनी ने झुंझुनूं में
“रिलायबल एजुकेशन प्रा. लि.” और “रिलायबल रियल हाउस प्रा. लि.” नामक चिटफंड कंपनियां शुरू की थीं।
इन कंपनियों के नाम पर उन्होंने लोगों को प्लॉट, गाड़ी और डबल रिटर्न का लालच देकर भारी रकम जमा कराई।
पीड़िता सरोज शर्मा ने बताया कि 2007 में उसे कंपनी से जुड़ने पर ₹3.45 लाख देने पड़े और बदले में 6 महीने में डबल रकम, गाड़ी व प्लॉट देने का वादा किया गया था।
13 साल से फरार थे आरोपी
पुलिस जांच के दौरान आरोपी फरार हो गए।
उनके खिलाफ 5 स्थाई वारंट और थाना कोतवाली के वर्ष 2013 व 2017 के मुकदमे दर्ज थे।
श्रीराम सैनी को झुंझुनूं का टॉप-10 वांछित अपराधी माना गया है।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय (IPS) के निर्देश,
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र सिंह राजावत (RPS) व
वृताधिकारी विरेन्द्र कुमार शर्मा (RPS) के सुपरविजन में
थानाधिकारी हरजिन्द्र सिंह के नेतृत्व में गठित टीम ने कार्रवाई की।
दौसा पुलिस से सूचना मिलने पर टीम ने कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट प्राप्त किया और
श्रीराम सैनी को बांदीकुई जेल तथा नीना सैनी को महिला जेल जयपुर से गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार आरोपी
- श्रीराम सैनी, पुत्र महावीर प्रसाद, निवासी वार्ड 41, छैला नगर, झुंझुनूं
- नीना सैनी, पत्नी श्रीराम, निवासी मोती सिंह की ढाणी, झुंझुनूं (वर्तमान: छैला नगर)
अन्य जिलों में भी हैं केस
दंपती के खिलाफ दौसा, बांदीकुई और झुंझुनूं में कई प्रकरण दर्ज हैं।
पुलिस अब अन्य जिलों व राज्यों से संबंधित ठगी के मामलों की जानकारी भी जुटा रही है।
पुलिस का बयान
यह गिरोह आम जनता को चिटफंड स्कीम के नाम पर लालच देकर ठगता था।
हम अन्य पीड़ितों से भी अपील करते हैं कि सामने आकर शिकायत दर्ज कराएं।
– थानाधिकारी, कोतवाली झुंझुनूं