15 साल से फरार आरोपी दंपति चला रहे थे मोबाइल शॉप
झुंझुनूं, झुंझुनूं के बगड़ रोड निवासी पति-पत्नी श्रीराम सैनी और नीना देवी को पुलिस ने आखिरकार 15 साल बाद गिरफ्तार कर लिया। दोनों पर 33 हजार लोगों को चिटफंड कंपनियों के जरिए 22 करोड़ रुपये ठगने का आरोप है।
कैसे किया लोगों को ठगी का शिकार?
पुलिस के मुताबिक, आरोपी दंपति ने अपने साथियों के साथ रिलायबल एजुकेशन प्रा.लि. और रिलायबल रियल हाउस प्रा.लि. नाम से कंपनियां बनाई थीं।
- इन कंपनियों ने प्लॉट और प्रॉपर्टी के नाम पर निवेशकों से पैसे लिए।
- कार्यकर्ताओं को कमीशन के बदले कार और बाइक देने का झांसा दिया।
- सिर्फ दौसा में 7 हजार लोगों से 8 करोड़ रुपये ठगे गए।
- जयपुर के जोबनेर में भी 150–200 लोगों से प्लॉट का पैसा लेकर पजेशन नहीं दिया गया।
दिल्ली में छिपकर रह रहे थे
दोनों आरोपी पिछले कई सालों से दिल्ली के शकूरपुरा इलाके में नाम बदलकर रह रहे थे। वे यहां मुकेश और मीना के नाम से एक मोबाइल शॉप चला रहे थे।
पुलिस की खास रणनीति
दौसा डीएसपी रवि प्रकाश शर्मा ने बताया कि
“आरोपियों पर 20-20 हजार रुपये का इनाम घोषित था।
पुलिस की साइबर सेल और तकनीकी टीम ने स्थानीय दुकानदारों और अखबार वितरकों से गुप्त जानकारी जुटाकर इन्हें दबोचा।”
2010 से दर्ज है मामला
5 अक्टूबर 2010 को दौसा कोतवाली थाने में इस मामले की FIR दर्ज हुई थी। इसके बाद से आरोपी लगातार फरार थे। इनके खिलाफ झुंझुनूं और दौसा जिले में कई मुकदमे दर्ज हैं।