जमीनी विवाद में दो गैंग आमने-सामने, दो हिस्ट्रीशीटरों की मौत
झुंझुनूं में गैंगवार का पूरा सच सामने आया
झुंझुनूं जिले के थाना गोठड़ा क्षेत्र में कैमरी की ढाणी, खिरोड़ में जमीनी विवाद को लेकर दो कुख्यात गैंग —
रविन्द्र कटेवा गैंग (0056) और श्रवण भादवासी गैंग (1657) — आमने-सामने आ गए।
इस खूनी गैंगवार में दोनों पक्षों के
- सुनिल सुण्डा (कटेवा गैंग)
- कृष्णकांत उर्फ गोलू स्वामी (भादवासी गैंग)
की गोली लगने से मौत हो गई।
कैसे शुरू हुआ खूनी टकराव
पुलिस के अनुसार भादवासी गांव, जिला सीकर स्थित जमीन को लेकर लंबे समय से दोनों गैंगों में विवाद चल रहा था।
- नवंबर 2024 में पहले भी जानलेवा हमला हो चुका था
- बदले की भावना में 50 लाख रुपये की सुपारी देकर हमला कराया गया
दिनांक 12 दिसंबर 2025 की सुबह दोनों पक्षों के बदमाश हथियारों के साथ आमने-सामने आ गए और फायरिंग शुरू हो गई।
सुनिल सुण्डा की हत्या कैसे हुई
श्रवण भादवासी गैंग के बदमाश स्विफ्ट डिजायर कार में सवार होकर रविन्द्र कटेवा के घर पहुंचे और अंधाधुंध फायरिंग की।
इस दौरान सुनिल सुण्डा के सिर में गोली लगी, जिन्हें सीकर रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
खेतों में दूसरी हत्या, कृष्णकांत उर्फ गोलू स्वामी ढेर
फायरिंग के बाद बदमाश भागे, लेकिन पीछा कर उन्हें तुर्काणी जोहड़ी के खेतों में पकड़ लिया गया।
यहां हुई आपसी फायरिंग और मारपीट में श्रवण भादवासी गैंग का सक्रिय सदस्य कृष्णकांत उर्फ गोलू स्वामी मारा गया।
पुलिस की बड़ी कार्रवाई: दोनों गैंगों पर शिकंजा
श्रवण भादवासी गैंग से गिरफ्तार
- पिंटू भीचरी उर्फ शूटर
- राजू सिंह उर्फ राजू अठवास
- नन्दु सिंह उर्फ फौजी
बरामदगी:
- एक पिस्टल
- एक देशी कट्टा
- एक खाली कारतूस
- स्विफ्ट डिजायर कार
रविन्द्र कटेवा गैंग से गिरफ्तार
- रविन्द्र कटेवा (गैंग लीडर)
- विकास बटार
- संदीप गिल
- पंकज रूलानिया
जब्त वाहन:
- 3 थार
- 3 कैम्पर
- 1 फॉर्च्यूनर
- 1 ब्रेजा
दर्ज हुई गंभीर धाराएं
दोनों मामलों में भारतीय न्याय संहिता 2023 और आर्म्स एक्ट की गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज किए गए हैं।
हत्या, हत्या का प्रयास, फायरिंग, संगठित अपराध जैसी धाराएं शामिल हैं।
पुलिस अधिकारियों का नेतृत्व
यह कार्रवाई
आईजी राघवेन्द्र सुहासा IPS के निर्देशन और
एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय IPS के सुपरविजन में
जिला पुलिस व DST टीमों द्वारा की गई।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा:
“दोनों गैंगों की अवैध संपत्तियों और वाहनों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है।”
फरार आरोपियों की तलाश जारी
अब भी कई नामजद आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश में अलग-अलग पुलिस टीमें दबिश दे रही हैं।
साथ ही दोनों गैंगों की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर कार्रवाई की तैयारी भी चल रही है।
निष्कर्ष
झुंझुनूं की यह घटना साफ संदेश है कि
गैंगवार में शामिल कोई भी बदमाश कानून से ऊपर नहीं है।
पुलिस ने दोनों पक्षों पर एकसाथ कार्रवाई कर बड़ा नेटवर्क तोड़ा है।