8 वर्षीय बालिका से अमानवीय बर्ताव के मामले में पोक्सो कोर्ट ने दिखाई सख्ती
झुंझुनूं, जिले की पोक्सो अदालत ने एक मासूम बालिका से अमानवीय बर्ताव करने के मामले में मां लीलम देवी और उसके लीव-इन साथी सोनू शर्मा को 7-7 साल के कठोर कारावास और 30-30 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
यह फैसला विशिष्ट न्यायाधीश (पोक्सो न्यायालय) इसरार खोखर ने सुनाया। अदालत ने टिप्पणी की कि “बालिकाओं के प्रति इस तरह की क्रूरता को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।”
मामला अप्रैल 2023 का
अप्रैल 2023 में नालपुर गांव (झुंझुनूं-महेन्द्रगढ़ सीमा) में 8 वर्षीय बच्ची के साथ उसकी मां और साथी ने बेरहमी से मारपीट की थी।
दोनों ने घायल बच्ची को लावारिस हालत में छोड़ दिया।
पुलिस जांच में सामने आया कि सोनू शर्मा (निवासी नालपुर) और लीलम देवी (मूल निवासी पाटन, बिहार) कुछ समय से साथ रह रहे थे।
लीलम देवी की यह चौथी शादी थी और वह अपने चौथे पति धर्मवीर मेघवाल को छोड़कर बेटियों के साथ सोनू के साथ रह रही थी।
मासूम को बस में बैठाकर छोड़ दिया
23-24 अप्रैल की रात दोनों ने बच्ची को इतना मारा कि वह बुरी तरह घायल हो गई।
इसके बाद सोनू शर्मा ने उसे बस में बैठाकर दुलोठ अहीर भेज दिया।
वहां स्थानीय लोगों ने बच्ची को पहचानकर उसके सौतेले पिता के घर पहुंचाया और पुलिस व सरपंच को सूचना दी।
मेहाड़ा थाना पुलिस ने बच्ची को अस्पताल पहुंचाया, जहां मेडिकल रिपोर्ट में कई गंभीर चोटों की पुष्टि हुई।
गिरफ्तारी और सबूत
धर्मवीर के भाई सतपाल मेघवाल की रिपोर्ट पर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया।
विशेष लोक अभियोजक सुरेन्द्र सिंह भाम्बू ने अदालत में 15 गवाहों और 21 दस्तावेजों के जरिए आरोप साबित किए।
कोर्ट ने माना कि यह केवल घरेलू विवाद नहीं, बल्कि अमानवीय अपराध था।
कोर्ट का सख्त रुख
न्यायाधीश इसरार खोखर ने कहा कि “बालिकाओं के खिलाफ अपराधों पर सख्त सजा ही समाज को संदेश दे सकती है।”
अदालत ने दोनों को दोषी ठहराते हुए कुल ₹3 लाख से अधिक जुर्माने का आदेश दिया।
इसमें से सोनू शर्मा पर ₹1.61 लाख और लीलम देवी पर ₹1.51 लाख का जुर्माना लगाया गया, जिसे पीड़ित मुआवजा कोष में जमा कराया जाएगा।