“राम ने सरयू बचाई, अब राज को काटली बचानी होगी।”
शेखावाटी की जीवनरेखा काटली नदी फिर से बहने को तैयार
नाले के प्रवाह से पापड़ा रोड पर बहाव, रास्ता दो भागों में बंटा
स्थानीय लोगो ने बताया कि यही नाले आगे जाकर लेते है काटली नदी का रूप : हो चुकी है शुरुआत
बह निकली नदी, अतिक्रमण हटाने की मांग तेज
झुंझुनूं,शेखावाटी की लाइफलाइन मानी जाने वाली काटली नदी एक बार फिर बहने को आतुर दिखाई दी।
हाल ही में हुई बारिश के बाद बाघोली से पापड़ा-पचलंगी रोड पर बहाव इतना तेज हुआ कि मार्ग दो भागों में विभाजित हो गया।
जलधारा ने फिर दिखाई शक्ति
स्थानीय ग्रामीणों और यात्रियों के अनुसार नाले ने सालों बाद इतना तेज प्रवाह दिखाया है।
नाले में यह उफान उसके पुराने वैभव की याद दिलाता है — और सवाल उठाता है अतिक्रमणों पर।
अतिक्रमण बना बाधा
जानकारी के अनुसार काटली नदी के पुनर्जीवन के लिए कई सामाजिक संगठनों ने प्रयास किए हैं।
पूर्व जिला कलेक्टर द्वारा अतिक्रमण हटाने के आदेश भी निकाले गए थे,
लेकिन आज तक ये आदेश कागज़ों से ज़मीन तक नहीं पहुँच पाए।
“राम ने सरयू बचाई, अब राज को काटली बचानी होगी।”
सामाजिक संगठन कर रहे प्रयास
- स्थानीय संगठनों ने कई बार प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है।
- भविष्य में पुनः बहाव सुचारु रखने के लिए स्थायी समाधान की ज़रूरत है।
अब आगे क्या?
- प्रशासन को चाहिए कि पूर्व आदेशों को तत्काल प्रभाव से लागू करे।
- स्थायी चैनलाइजेशन योजना बने जिससे हर मानसून में नदी अपना रास्ता पा सके।
- जन सहयोग और प्रशासनिक इच्छाशक्ति से ही काटली फिर से जीवनदायिनी बन सकती है।
