आरोपियों की गिरफ्तारी तक शव नहीं उठाने पर अड़े परिजन
झुंझुनूं जिले के बिसाऊ थाना क्षेत्र के बिरमी गांव में हुई एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है।
दुबई में मजदूरी करने वाला प्रवासी सुभाष (38) 5 मई को छुट्टी पर घर आया था और 20 मई को वापस लौटने वाला था। लेकिन 16 मई की रात बिरमी से रोहिड़ा स्टैंड स्थित लांबा होटल पर किसी बात को लेकर कहासुनी के बाद उसकी बेरहमी से पिटाई की गई।
मारपीट के नौ दिन बाद तोड़ा दम
परिजनों के अनुसार, तिलोका का बास निवासी मुकेश जाट और उसके 3-4 साथियों ने रास्ते में सुभाष को रोककर उसके साथ मारपीट की। गंभीर रूप से घायल सुभाष को पहले स्थानीय अस्पताल और फिर जयपुर के सिद्धि विनायक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां शनिवार को उसकी मौत हो गई।
सुभाष अपने पीछे 3 छोटे बच्चों को छोड़ गया है – 12, 9 और 6 वर्ष के।
धरना प्रदर्शन और पुलिस पर आरोप
मृतक के भाई सचिन ने बताया कि उन्होंने घटना के तुरंत बाद धनुरी थाना में मामला दर्ज कराया था, लेकिन नौ दिन बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई।
बीडीके अस्पताल की मॉर्च्यूरी के सामने परिजन और ग्रामीण शव नहीं उठाने पर अड़े हैं।
उनका आरोप है कि पुलिस राजनीतिक दबाव में आकर आरोपियों को बचा रही है। स्थानीय प्रशासन को भी इस बात की सूचना दी गई है।
प्रशासन की कार्रवाई और बयान
सूचना मिलने पर डिप्टी एसपी हरि सिंह मौके पर पहुंचे और उन्होंने जांच शुरू की। उनका कहना है कि:
मामले की जांच जारी है और आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है।