बीडीके अस्पताल में परिजनों का धरना, गिरफ्तारी की मांग पर अड़े
झुंझुनूं में बढ़ा तनाव, परिजनों का धरना जारी
झुंझुनूं में महिला अधिकारिता विभाग के सहायक प्रशासनिक अधिकारी सुरेश सैन की आत्महत्या के बाद मामला लगातार गरमाता जा रहा है।
रविवार सुबह सुरेश सैन ने मार्केट के बेसमेंट में फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी।
पुलिस को मौके से चार पेज का सुसाइड नोट मिला, जिसमें उन्होंने कुछ सूदखोरों पर मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं।
परिजनों ने उठाई गिरफ्तारी की मांग, बोले – “जब तक न्याय नहीं, शव नहीं उठाएँगे”
घटना के बाद से ही बीडीके अस्पताल परिसर में परिजन और ग्रामीण धरने पर बैठे हैं।
उनकी स्पष्ट मांग है कि जब तक सातों आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, शव नहीं उठाया जाएगा।
एसडीएम झुंझुनूं और सिटी डीएसपी वीरेंद्र कुमार शर्मा मौके पर पहुंचे और परिजनों से वार्ता की, लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई।
सुसाइड नोट में छलका दर्द और लाचारी
पुलिस के मुताबिक, सुसाइड नोट में सुरेश सैन ने अपनी बेबसी, आर्थिक संकट और न्याय की गुहार लिखी है।
उन्होंने दावा किया कि 1 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज चुकाने के बावजूद सूदखोर लगातार प्रताड़ित करते रहे।
परिवार का कहना है कि सुरेश सैन ने जीवित रहते हुए कई बार पुलिस और एसपी से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
न्याय न मिलने की पीड़ा ने उन्हें आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर कर दिया।
परिवार में आक्रोश, प्रशासन से नाराज़गी
सुरेश सैन के बेटे निखिल सैन ने कहा कि परिवार अब तक की पुलिस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है।
उन्होंने बताया कि एसडीएम से बातचीत हुई है और एक आरोपी जो शिक्षा विभाग का कर्मचारी है, उसके खिलाफ लेटर लिखने की बात कही गई है।
निखिल ने कहा –
हमने पहले भी पुलिस को मौका दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब जब तक गिरफ्तारी नहीं होगी, हम पीछे नहीं हटेंगे।
जांच शुरू, लेकिन लोगों में रोष बरकरार
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू करने की पुष्टि की है,
हालांकि अब तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।