स्कूल प्रशासन और दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज कर की निष्पक्ष जांच की मांग
झुंझुनूं। झुंझुनू जिले के बगड़ कस्बे में स्थित पिरामल गर्ल्स स्कूल के हॉस्टल में छात्रा की मौत का मामला आज फिर से गरमा गया है। गुड़गांव निवासी लड़की के पिता दुर्गेश शर्मा ने अपने परिजनों के साथ झुंझुनू एसपी को ज्ञापन सौंप कर स्कूल प्रशासन व अन्य दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज करके निष्पक्ष जांच की मांग की है। एसपी को सौंप गए लम्बे चौड़े ज्ञापन में कई गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं।
पिता ने लगाए सवाल
पिता दुर्गेश कुमार शर्मा ने कहा है कि उनकी पुत्री जीविका उनकी इकलौती संतान थी। वह नौवीं कक्षा की छात्रा थी और कई वर्षों से पीरामल गर्ल्स स्कूल, बगड़ के हॉस्टल में रह रही थी। 29 अगस्त को जीविका ने अपनी ताई मंजू रानी से फोन पर बातचीत की थी। इसके बाद 31 अगस्त को उन्हें सूचना मिली कि उनकी बेटी ने हॉस्टल में आत्महत्या कर ली है। पिता का आरोप है कि स्कूल प्रशासन और पुलिस की ओर से घटना को आत्महत्या बताया गया, लेकिन तथ्यों से मामला संदिग्ध प्रतीत होता है। जब उन्होंने प्रिंसिपल से पूछा तो उन्हें बताया गया कि बच्ची ने बेल्ट से सुसाइड किया, जबकि पुलिस ने कहा कि सुसाइड टाई से हुआ। जब वे सीएचसी बगड़ पहुँचे तो डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची को 2:45 बजे अस्पताल लाया गया था। लेकिन ईसीजी रिपोर्ट में समय 5:41 बजे दर्ज है। पिता का कहना है कि मृत व्यक्ति का ईसीजी नहीं हो सकता, इसका मतलब बच्ची उस समय तक जीवित थी। इस पर सवाल करने पर डॉक्टरों ने स्लिप छिपाने की कोशिश की और वहां से निकल गए। पिता ने आरोप लगाया कि मौके का वीडियो पुलिस के पास है, लेकिन बार-बार मांगने पर भी उन्हें उपलब्ध नहीं कराया गया। स्कूल और अस्पताल का भी कोई वीडियो या रिकॉर्ड उन्हें नहीं दिया गया। 1 सितंबर को थाना बगड़ में शिकायत देने के बावजूद कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि उनकी पुत्री की मौत आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है, और इसमें स्कूल प्रशासन, डॉक्टरों और पुलिस की मिलीभगत है।
पुराने मामलों का भी जिक्र
ज्ञापन में पिता ने बताया कि इसी हॉस्टल में पहले भी संदिग्ध घटनाएँ हो चुकी हैं।
प्रार्थी ने ज्ञापन में बताया कि इसी हॉस्टल में पहले भी संदिग्ध घटनाएँ हो चुकी हैं। 31 जनवरी 2018 को एक छात्रा की संदिग्ध मौत हुई थी, जिस पर मर्ग दर्ज हुई। 31 मार्च 2018 को दूसरी छात्रा की मौत हुई थी, जिस पर एफआईआर दर्ज हुई। वहीं 21 मई 2018 को अन्य छात्रा के लापता होने का मामला भी इसी हॉस्टल से दर्ज हुआ। इनमें से दो मामलों को दबा दिया गया, जबकि एक मामले में केस अब भी चल रहा है। पिता ने यह भी सवाल उठाया कि जिस डॉक्टर ने पोस्टमार्टम किया, वह तुरंत बाद थाना बगड़ पहुंच गया, जिससे स्पष्ट है कि स्कूल प्रशासन, पुलिस और डॉक्टरों के बीच गहरी मिलीभगत है।
उनका कहना है कि इनमें से दो मामलों को दबा दिया गया, जबकि एक केस अभी भी अदालत में लंबित है।
“इकलौती बेटी के लिए चाहिए न्याय”
दुर्गेश कुमार शर्मा ने कहा कि जब उन्होंने जांच अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन तक नहीं उठाया। मजबूर होकर उन्होंने पुलिस अधीक्षक झुंझुनूं को दरखास्त सौंपकर मामले की निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराने, दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और सख्त कार्रवाई करने की मांग की। पिता ने कहा कि उन्हें सिर्फ अपनी इकलौती बेटी की आत्मा की शांति और न्याय चाहिए। वही लड़की के पिता ने अपनी पुत्री जीविका शर्मा की मौत का जिम्मेदार सीधे-सीधे स्कूल प्रशासन को ठहराया।आरोपों में कितनी सच्चाई है यह जाँच का विषय है। मृतका के पिता द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि हम नहीं कर रहे हैं।
वही लड़की के पिता का कहना था कि स्कूल प्रशासन द्वारा लड़की को पैसे नहीं देने सहित अन्य आरोप उन पर लगाए जा रहे हैं जिसके चलते उन्होंने मीडिया के सामने स्कूल वार्डन को भेजे हुए पैसे के स्क्रीनशॉट और रसीद भी मीडिया के सामने रखी। साथ ही उनका कहना था कि वह स्कूल और हॉस्टल दोनों के लिए अलग-अलग खर्चा अपनी बच्ची को भेजते थे यहां तक की पॉकेट मनी तक उनके द्वारा दी जाती थी। और फ़ोन पर लगातार बातचीत भी होती थी। उनका कहना था कि स्कूल द्वारा जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह गलत है और इस मामले को दबाने के लिए लगाए जा रहे हैं। शेखावाटी लाइव ब्यूरो रिपोर्ट झुंझुनू