परिजन बोले—आरोपी की गिरफ्तारी तक नहीं करेंगे अंतिम संस्कार
झुंझुनूं। झुंझुनूं में आरएसी कॉन्स्टेबल राजकुमार कांटीवाल की आत्महत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मृतक के परिजन दूसरे दिन बीडीके अस्पताल की मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठे हुए है और शव लेने से इनकार कर दिया।
आरोपी की गिरफ्तारी पर अड़े परिजन
परिजनों का कहना है कि जब तक राजकुमार की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार बताए जा रहे आरोपी विक्रम चौधरी को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। मृतक के भतीजे अजय ने चिड़ावा थाने में लिखित शिकायत देकर आरोप लगाया कि उनके चाचा को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया।
सामाजिक संगठनों का समर्थन
धरने में ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने भी हिस्सा लिया। भीम आर्मी जिलाध्यक्ष विकास आल्हा ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि पुलिस आरोपी को बचाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि अब समाज चुप नहीं बैठेगा।
अस्पताल परिसर में तैनात अतिरिक्त पुलिस बल
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने परिजनों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे आरोपी की गिरफ्तारी पर अड़े रहे।
पत्नी और बच्चे पर हमला कर की थी आत्महत्या
राजकुमार ने सोमवार सुबह करीब 4:30 बजे अपनी पत्नी कविता और छह वर्षीय बेटे चार्विक पर हमला किया था। पत्नी गंभीर रूप से घायल हैं और जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि बेटे को मामूली चोटें आईं और वह झुंझुनूं में उपचाराधीन है।
हमले के बाद राजकुमार फरार हो गए और करीब 8 बजे उनका शव चिड़ावा अनाज मंडी के पास रेलवे ट्रैक पर मिला। पुलिस का मानना है कि उन्होंने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या की।
आत्महत्या से पहले लगाया गंभीर आरोप
आत्महत्या से पहले राजकुमार ने 2 मिनट 19 सेकंड का वीडियो अपने वॉट्सऐप स्टेटस पर डाला था। इसमें उन्होंने आत्महत्या के लिए अपनी पत्नी कविता और भिवानी निवासी विक्रम चौधरी को जिम्मेदार ठहराया।
वीडियो में उन्होंने आरोप लगाया कि पत्नी का पिछले एक साल से विक्रम के साथ संबंध था और वह उन पर तलाक का दबाव बना रही थी। साथ ही धमकी दी थी कि तलाक नहीं देने पर उनकी हत्या करवा दी जाएगी। राजकुमार ने यह भी दावा किया कि पत्नी के गर्भ में विक्रम का बच्चा है।