आरपीएससी परीक्षा में आज की लापरवाही से जुड़ा है मामला
बता दे कि शेखावाटी लाइव ने प्रमुखता से उठाया था यह मुद्दा
झुंझुनू, झुंझुनू जिला कलेक्टर जाते-जाते ही सही लेकिन कुछ एक्शन में जरूर नजर आए हैं। आपको बता दें कि आज आरपीएससी द्वारा प्राध्यापक एवं कोच प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की गई थी। जिसमें झुंझुनू के सीतसर में स्थित टैगोर स्कूल में परीक्षा के दौरान गंभीर लापरवाही देखने को मिली थी। इस पर जिला कलेक्टर रामावतार मीणा ने तीन शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
निलंबित किए गए शिक्षक:
- अनिता जांगिड़, वरिष्ठ अध्यापक, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय मोहल्ला नायकान, झुंझुनूं
- दिनेश कुमार सैनी, प्रबोधक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय घोरणी जोहड़ी
- मनीषा, व्याख्याता फर्स्ट ग्रेड, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय देवगांव
इन पर राजस्थान सिविल सेवा नियम 1958 की धारा 13(1) के तहत कार्रवाई की गई है।
परीक्षा में ये रही मुख्य गड़बड़ियां:
- परीक्षा का समय सुबह 10 बजे था, लेकिन परीक्षार्थियों को सुबह 11 बजे ही OMR शीट भरने को कहा गया।
- छात्रों को बताया गया कि सिर्फ 10 मिनट का समय है।
- कई छात्र प्रश्न ठीक से पढ़ ही नहीं पाए, जिससे गलत जवाब भर दिए गए।
- परीक्षा केंद्र में न लाइट थी, न दीवार घड़ी, अंधेरे में परीक्षा देनी पड़ी।
- एक छात्र ने बताया कि उसने खुद बल्ब लगवाया।
छात्र बोले: ऊपर से आया आदेश, स्टाफ ने दी धमकी
सिंगनोर निवासी विजेंद्र खेदड़ ने बताया कि परीक्षा केंद्र पर छात्रों को जबरन शीट भरवाई गई। जब छात्रों ने आपत्ति जताई तो ड्यूटी स्टाफ ने धमकाते हुए कहा – “आप क्या कर लोगे? आरपीएससी आप पर ही कार्रवाई करेगी।”
एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर लिया एक्शन
छात्रों की शिकायत पर एसडीएम हवाई सिंह यादव मौके पर पहुंचे और लिखित शिकायत लेकर उसे एडीएम अजय कुमार आर्य को सौंपा। प्रशासन ने तत्काल जांच के आदेश दिए हैं।
क्या परीक्षा केंद्र की बुनियादी व्यवस्था पर भी होगी कार्रवाई?
यह सवाल अब सामने आ रहा है कि जिस केंद्र पर घड़ी और लाइट जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं थी, उस पर अब तक कोई जवाबदेही तय नहीं हुई है।
क्या जिला प्रशासन परीक्षा केंद्र की लापरवाही पर भी कोई ठोस कदम उठाएगा?