झुंझुनूं: सरकारी कार्यालयों में नहीं दिखे RTI-सिटीजन चार्टर,एक्शन में मानवाधिकार आयोग
मानवाधिकार आयोग के स्पेशल मॉनिटर गोयल ने दी सख्त हिदायत
झुंझुनूं पर अब मानवाधिकार आयोग की रहेगी विशेष नजर
झुंझुनू, झुंझुनू जिले में पहली बार राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग जमीनी स्तर पर पहुंचा है यदि बात यहां से शुरू करें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। जी हां,
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्पेशल मॉनिटर बालकृष्ण गोयल झुंझुनू जिले के दौरे पर आए हुए हैं। इस दौरान उन्होंने झुंझुनू में अनेक स्थानों का जाकर निरीक्षण किया। यहां तक की उन्होंने झुंझुनू शहर में गत रात्रि को और आज सुबह आम आदमी की तरह भ्रमण करके मानवाधिकार से जुड़ी विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इसके साथ उन्होंने आज झुंझुनू जिला मुख्यालय के अधिकारियों के साथ एक बैठक भी ली बैठक में उन्होंने झुंझुनू आने का कारण भी स्पष्ट किया।
उनका कहना था कि झुंझुनू से हमारे पास कोई कंप्लेंट नहीं आ रही थी लेकिन जब जमीन स्तर पर आकर देखा तो झुंझुनू में कंप्लेंट तो बहुत हैं लेकिन यहां के लोगों को किस प्रकार से कंप्लेंट करनी है उसका तरीका ही मालूम नहीं है। जनता को आसानी से मानवाधिकार की पहुंच हो इसको लेकर एक राष्ट्रीय स्तर पर एकल वेबसाइट बनाई गई है। किसी भी व्यक्ति को अपनी कंप्लेंट दर्ज करवाने के बाद ना तो दिल्ली आने की जरूरत है और ना ही कोई वकील करने की जरूरत है राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सारी व्यवस्थाएं खुद करता है।
वहीं उन्होंनेअधिकारियों को कहा कि सड़कों में गड्ढा होना नल होना लेकिन जल नहीं होना यह भी मानवाधिकारों का उल्लंघन है। वही खुले में रखे हुए बिजली विभाग के ट्रांसफार्मर से संबंधित भी उन्होंने विभाग को निर्देश दिया और चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग को सोनोग्राफी की दुकानों को लेकर भी निर्देशित किया गया कि इन पर कहीं लिंग जांच तो नहीं हो रही और दुकानों के बाहर भी रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा होना चाहिए। वहीं उन्होंने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से यह सवाल भी किया कि सरकारी अस्पताल में प्राइवेट एंबुलेंस कैसे पार्क हो रही है ?
वहीं उन्होंने कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक से झुंझुनू जिले में दो कस्टोडियन डेथ जो की मंड्रेला और खेतड़ी थाने में हुई थी उनके बारे में भी जानकारी ली। साथ उनका कहना था कि पुलिस की गस्त भी लगातार होनी चाहिए और पुलिस की पेट्रोलिंग लोगों को दिखाई भी देनी चाहिए। वहीं उन्होंने आरोपियों को हथकड़ी पहनाने और बाजार में परेड करवाने संबंधित सवाल भी पुलिस अधिकारियों से पूछे।
बैठक में स्पेशल मॉनिटर गोयल ने कहा कि झुंझुनू के सरकारी कार्यालय में सिटीजन चार्टर और आरटीआई से जुड़े हुए बोर्ड भी नहीं लगे हुए हैं। स्कूलों में फर्स्ट एड बॉक्स खाली पड़े हैं और स्कूल बसों पर भी ध्यान देने की उन्होंने आवश्यकता बताई। बैठक में लंबी चौड़ी चर्चा के बाद स्पेशल मॉनिटर ने कहा कि आज के बाद झुंझुनू से कोई शिकायत आई तो वह स्वीकार नहीं करेंगे। झुंझुनू पर हमारा विशेष फोकस रहेगा और चाहे कोई कितना ही बड़ा अधिकारी क्यों नहीं हो मानवाधिकारों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने जिला प्रशासन को 15 दिन का समय दिया है जिसमे सिटीजन चार्टर, सीनियर सिटीजन और आरटीआई से जुड़े हुए मामले पर फॉलो अप भी लिया जायेगा। शेखावाटी लाइव ब्यूरो रिपोर्ट झुंझुनू