ग्रामीणों ने कलेक्टर को सौपा ज्ञापन, कहा – नहीं जुड़ना चाहते झुंझुनू नगर परिषद से
झुंझुनूं, प्रतापपुरा ग्राम पंचायत के गांव समसपुर के दर्जनों ग्रामीण आज झुंझुनूं जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और अपने गांव को नगर परिषद में जोड़ने के प्रस्ताव के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए साफ कहा कि यदि मांग नहीं मानी गई तो वे आगामी चुनावों का बहिष्कार करेंगे।
पंचायत से ही बेहतर मिल रहा है विकास
गांव के विजेंद्र चौधरी ने बताया कि समसपुर में 50 वर्षों से 24 घंटे बिजली की सुविधा मौजूद है, सड़कों, जलापूर्ति और अन्य मूलभूत सुविधाओं का भी संतोषजनक स्तर पंचायत के माध्यम से ही मिल रहा है। झुंझुनूं नगर परिषद में आज तक खुद के इलाके का भी विकास नहीं हो सका, फिर हमारे गांव का क्या होगा ?
ज्ञापन देकर जताया विरोध
ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए नगर परिषद में शामिल होने का खुला विरोध किया। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी सहमति के बिना गांव को शहरी क्षेत्र में शामिल करना लोकतांत्रिक भावना के विपरीत है। कलेक्टर के जवाब से असंतुष्ट ग्रामीणों ने बताया कि वे मंत्री झाबर सिंह खर्रा से भी मिलेंगे, और वहां नहीं जा सके तो गांव के ही झुंझुनूं मेडिकल कॉलेज के सामने अनिश्चितकालीन धरना देंगे।
चुनाव बहिष्कार की चेतावनी
ग्रामीणों ने चेताया कि अगर प्रशासन ने उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया तो आगामी किसी भी चुनाव में वे मतदान नहीं करेंगे। ग्रामीणों के अनुसार वे किसी भी हालत में नगर परिषद में शामिल नहीं होना चाहते। हमें जब पंचायत से ही अच्छा विकास मिल रहा है, तो नगर परिषद में जाकर क्यों परेशानी मोल लें?
यह मामला अब झुंझुनूं जिले की प्रशासनिक और राजनीतिक हलचल का हिस्सा बन चुका है। समसपुर जैसे विकसित ग्रामीण क्षेत्र की इस चेतावनी से स्थानीय निकाय प्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। यह विरोध सिर्फ एक गांव की नाराजगी नहीं, बल्कि स्थानीय स्तर पर जनभागीदारी और प्रशासनिक पारदर्शिता की मांग है। अब देखना होगा कि प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस मुद्दे को कैसे सुलझाते हैं। शेखावाटी लाइव ब्यूरो रिपोर्ट झुंझुनू