उदयपुरवाटी में टोल सड़क पर जानलेवा गड्ढे, बहता गंदा नाला बना ‘नाशूर’, जनता त्रस्त-प्रशासन मस्त
स्टेट हाईवे और नाले से त्रस्त जनता, पालिका के खिलाफ मोर्चा
उदयपुरवाटी,कैलाश बबेरवाल कस्बे में झुंझुनूं स्टेट हाईवे और मुख्य बाजार क्षेत्र की बदहाल स्थिति के विरोध में स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। चुंगी नंबर तीन से नई सब्जी मंडी तक लगभग पांच साल से खराब पड़ी सड़क और गंदे नाले के पानी से लोग परेशान हैं, लेकिन नगर पालिका और संबंधित विभाग कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर खड़े होकर नारेबाजी की और कहा कि कस्बे की स्थिति विकास नहीं, बदइंतजामी की मिसाल बन चुकी है; जनता टैक्स और टोल भर रही है, बदले में “नरकीय” हालात मिल रहे हैं।
टोल पूरी, सड़क अधूरी: बीओटी रोड बनी ‘किलर रोड’
लोगों ने बताया कि उदयपुरवाटी से गुजरने वाली बीओटी (BOT) टोल रोड पर नियमित रूप से टोल वसूला जाता है, लेकिन सड़क जगह-जगह से उखड़ी हुई है और गहरे गड्ढों के कारण यह “किलर रोड” बन गई है। दिन में चालक किसी तरह गड्ढों से बचकर निकलते हैं, जबकि रात होते ही यह सड़क हादसों का अड्डा बन जाती है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, जानलेवा गड्ढों के कारण कई गंभीर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं और कुछ वाहन चालकों की मौके पर ही मौत हो गई, इसके बावजूद टोल ऑपरेटर और विभाग सड़क की ढंग से मरम्मत नहीं कर रहे हैं। लोगों का सवाल है, “जब सड़क नहीं, तो टोल क्यों?”
चुंगी नंबर 3 से नई सब्जी मंडी तक ‘नाशूर’ बना गंदा नाला
कस्बे के हृदय स्थल माने जाने वाले क्षेत्र में नई सब्जी मंडी से चुंगी नंबर तीन तक मुख्य मार्ग पर गंदे नाले का पानी लगातार बहता रहता है। नाले का बदबूदार, कचरे और गंदगी से भरा पानी सड़क पर फैलने से दुकानदारों और राहगीरों का चलना दूभर हो गया है।
दुकानदारों का कहना है कि दुकानों के आगे जमा गंदे पानी से ग्राहक आने से कतराते हैं, जिससे उनका व्यापार लगभग चौपट हो गया है। पैदल चलने वाले, खासकर महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग इसी गंदे पानी से होकर गुजरने को मजबूर हैं, जिससे बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है।
सात साल से शिकायतें, फिर भी ‘कुंभकर्णी’ नींद में प्रशासन
दुकानदारों और स्थानीय नागरिकों के अनुसार, पिछले सात साल से वे नगर पालिका और उच्च अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से व ज्ञापन देकर कई बार शिकायत कर चुके हैं। इसके बावजूद न तो सड़क का स्थायी समाधान निकाला गया और न ही नाले की निकासी व्यवस्था सुधारी गई।
लोगों ने आरोप लगाया कि नगर पालिका प्रशासन “कुंभकर्णी नींद” में सोया हुआ है और केवल कागजी आश्वासन दिए जाते हैं। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि पालिका प्रशासन 12 घंटे के अंदर गंदे नाले की समस्या का समाधान करे, अन्यथा उग्र आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी।
जनता का अल्टीमेटम और ‘उग्र आंदोलन’ की चेतावनी
प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि वे अब और इंतजार के मूड में नहीं हैं। उनकी मांग है कि
- स्टेट हाईवे पर जर्जर बीओटी टोल सड़क की युद्धस्तर पर मरम्मत की जाए।
- चुंगी नंबर 3 से नई सब्जी मंडी तक गंदे नाले की स्थायी निकासी व्यवस्था की जाए।
स्थानीय लोगों ने चेताया कि यदि प्रशासन ने समय रहते संज्ञान नहीं लिया तो संयुक्त रूप से उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में व्यापारी और नागरिक शामिल
विरोध प्रदर्शन के दौरान पूर्व मंडल अध्यक्ष गीदाराम सैनी, पार्षद उमेश कुमावत, पूर्व पार्षद दीपक बागड़ी, सजन कुमावत, किशोर सैनी, विजय चेजारा, योगेश राजोरिया, बंटी खडोलिया, शैतान सैनी, नंदलाल सैनी, रवि स्वामी, शंकरलाल सैनी, विष्णु चेजारा, मनोज तेजारा, नानगाराम, पंकज, सतपाल सैन, जयराम स्वामी, योगेश कुमार, कमलेश कुमावत, मनीष कुमावत, सतीश कुमावत, दिनेश कुमावत सहित सैकड़ों महिला व पुरुष मौजूद रहे।
जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी से लोगों का रोष और मजबूत दिखा और सभी ने एक स्वर में कहा कि जब तक सड़क और नाले की समस्या का समाधान नहीं होगा, तब तक आंदोलन चरणबद्ध रूप से जारी रहेगा।