आलेख/बाल दिवस/ 14 नवंबर लेखक – धर्मपाल गाँधी
बाल दिवस पर चाचा नेहरू को श्रद्धांजलि
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री और आधुनिक भारत के निर्माता पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों के प्रति अपने विशेष प्रेम के लिए विश्वभर में जाने जाते हैं।
इसी कारण 14 नवंबर, उनके जन्मदिन को देशभर में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
नेहरू जी बच्चों को राष्ट्र का भविष्य मानते थे और कहते थे—
“आज के बच्चे ही कल के भारत का निर्माण करेंगे।”
नेहरू: आधुनिक भारत की आधारशिला
पंडित नेहरू ने स्वतंत्रता से पहले और बाद में भारत के निर्माण में अद्वितीय योगदान दिया।
वह एक स्वतंत्रता सेनानी, लेखक, विचारक, इतिहासकार और द्रष्टा नेता थे।
भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था, वयस्क मताधिकार, स्वतंत्र न्यायपालिका, मुक्त प्रेस और मजबूत संसद—इन सभी की नींव उनके नेतृत्व में पड़ी।
उन्होंने ही भारत को
- धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र,
- गुटनिरपेक्ष विदेश नीति,
- समाजवादी आर्थिक ढांचा,
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण,
जैसे मूल्य दिए।
बच्चों के प्रिय— ‘चाचा नेहरू’
नेहरू जी बच्चों के बीच विशेष लोकप्रिय थे।
एक बार किसी ने उनसे पूछा कि वे 70 वर्ष की आयु में भी इतने तरोताज़ा कैसे रहते हैं?
नेहरू जी मुस्कुराए और बोले—
“मैं बच्चों के साथ खेलता हूँ, प्रकृति से प्रेम करता हूँ और छोटी बातों को दिल पर नहीं लेता।”
उनकी यह बालसुलभ सरलता उन्हें वास्तव में ‘चाचा’ बनाती थी।
स्वतंत्रता संग्राम में नेहरू की भूमिका
नेहरू जी ने स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई और 9 बार जेल गए।
महात्मा गांधी के साथ मिलकर उन्होंने भारत को साम्राज्यवाद और उपनिवेशवाद के खिलाफ संगठित किया।
आधुनिक भारत के निर्माता
आजाद भारत के निर्माण में पंडित नेहरू के फैसले मील के पत्थर साबित हुए।
उन्होंने देश में—
- उद्योगों का निर्माण,
- इस्पात संयंत्र,
- बांध,
- शैक्षणिक संस्थान,
- वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र,
स्थापित करवाए।
उनकी नीतियों ने भारत को विश्व मंच पर मजबूत पहचान दिलाई।
नेहरू की विदेश नीति: भारत की स्वतंत्र पहचान
नेहरू जी विश्व राजनीति में गुटनिरपेक्ष आंदोलन के संस्थापक थे।
उनका पंचशील सिद्धांत आज भी भारत की विदेश नीति में केंद्रीय भूमिका निभाता है—
- परस्पर सम्मान
- संप्रभुता का संरक्षण
- आपसी अप्रभाव
- हस्तक्षेप न करना
- शांतिपूर्ण सहअस्तित्व
उनके कारण भारत किसी भी महाशक्ति का पिछलग्गू नहीं बना।
लेखक नेहरू: विचारों का विराट संसार
कैद के दिनों में उन्होंने प्रसिद्ध पुस्तकें लिखीं—
- डिस्कवरी ऑफ इंडिया
- ग्लिम्पसेज ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री
- मेरी कहानी
इन पुस्तकों में उन्होंने इतिहास, मानवता, स्वतंत्रता और भारत की सांस्कृतिक विरासत पर गहन विचार रखे।
अंतिम यात्रा और विरासत
27 मई 1964 को नेहरू जी का निधन हुआ, लेकिन उनकी विचारधारा—
लोकतंत्र, आधुनिकता, वैज्ञानिकता और धर्मनिरपेक्षता
आज भी भारत के पथ-प्रदर्शक मूल्यों में शामिल है।
भारत उन्हें आधुनिक भारत के सबसे महत्वपूर्ण निर्माता के रूप में हमेशा याद करेगा।
लेखक का संदेश
आदर्श समाज समिति इंडिया परिवार
भारत रत्न पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर उन्हें विनम्र नमन करता है।
बाल दिवस हमें यह याद दिलाता है कि बच्चों में ही भारत का भविष्य बसता है—
और उन्हें सही शिक्षा, संस्कार और अवसर देना हमारा कर्तव्य है।