दशहरे पर इस बार रहेगा रवि योग और सुकर्म योग का संयोग
इस साल दशहरा कब है? जानें सही तारीख
हर साल की तरह इस बार भी दशहरा को लेकर लोगों के बीच तारीख को लेकर असमंजस बना हुआ था।
2025 में दशहरा 2 अक्टूबर (गुरुवार) को मनाया जाएगा।
आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि इसी दिन पड़ रही है, जो कि विजयादशमी के रूप में जानी जाती है।
दशहरे पर विशेष योग: रवि योग और सुकर्म योग
इस वर्ष दशहरे पर रवि योग पूरे दिन रहेगा, जिससे यह दिन और भी शुभ बन जाता है।
- सुकर्म योग: रात 12:34 बजे से सुबह 11:28 बजे तक
- धृति योग: सुकर्म योग के बाद शुरू होगा
- प्रदोष काल: रावण दहन के लिए उपयुक्त, सूर्यास्त के बाद
- सूर्यास्त: शाम 6:05 बजे
इन योगों के चलते यह दिन सभी प्रकार के शुभ कार्यों, खरीदारी और नई शुरुआत के लिए आदर्श है।
दशहरा पूजा विधि – ऐसे करें पूजा
- सुबह स्नान करके घर की शुद्धि करें
- उत्तर-पूर्व कोने में पूजा स्थान बनाएं
- गंगाजल छिड़क कर स्थान को पवित्र करें
- अपराजिता देवी, भगवान राम और हनुमान जी की पूजा करें
- रामायण पाठ, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा पढ़ें
- शस्त्र पूजन करें – तलवार, औजार, वाहन आदि की पूजा
- आरती और प्रसाद के बाद रावण दहन करें
दशहरे का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
- उत्तर भारत में रामलीला और रावण दहन प्रमुख आकर्षण होते हैं
- पूर्वी भारत में दुर्गा पूजा और विसर्जन के रूप में मनाया जाता है
- यह पर्व अहंकार, असत्य और बुराई के अंत का प्रतीक है
“दशहरा केवल त्योहार नहीं, यह आत्मशुद्धि और नए संकल्प का दिन है।“
इस दिन क्या करें, क्या न करें?
करें:
- नए कार्य शुरू करना
- प्रॉपर्टी या वाहन खरीदना
- देवी-देवताओं का पूजन
- जरूरतमंदों को दान
न करें:
- झूठ बोलना
- क्रोध करना
- वाद-विवाद में पड़ना
- अशुभ विचारों से बचें
डिसक्लेमर:
इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं, पंचांग, और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है। Shekhawati Live इसकी सटीकता या किसी विशेष फलित होने की पुष्टि नहीं करता। किसी भी धार्मिक कार्य या निर्णय से पहले संबंधित विशेषज्ञ या पंडित से सलाह अवश्य लें। इस लेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी प्रदान करना है।