आलेख/01 अगस्त/ जयंती विशेष – लेखक- धर्मपाल गाँधी
स्वतंत्रता संग्राम में कमला नेहरू का नाम उन चुनिंदा महिलाओं में आता है, जिन्होंने महात्मा गांधी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अंग्रेज़ी हुकूमत को चुनौती दी।
प्रारंभिक जीवन और विवाह
1 अगस्त 1899 को दिल्ली के कश्मीरी ब्राह्मण परिवार में जन्मी कमला कौल की शादी मात्र 17 वर्ष की उम्र में पंडित जवाहरलाल नेहरू से हुई थी। उनकी एकमात्र संतान इंदिरा गांधी बाद में भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं।
स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भागीदारी
1920 के असहयोग आंदोलन में कमला ने महिलाओं के समूह बनाकर विदेशी वस्त्र और शराब की दुकानों का बहिष्कार करवाया। जब नेहरू को जेल में डाला गया, तब उन्होंने जनसभा में उनका भाषण पूरा किया — यह उनके आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता का प्रमाण था।
महिलाओं को प्रेरित करने वाली नेता
कमला नेहरू ने महिलाओं को संगठित कर स्वराज के लिए प्रेरित किया। कस्तूरबा गांधी, सरोजिनी नायडू, प्रभावती देवी के साथ मिलकर उन्होंने महिलाओं की जागरूकता में उल्लेखनीय योगदान दिया।
स्वास्थ्य और अंतिम दिन
लगातार आंदोलन और जेल में बिताए समय ने उनके स्वास्थ्य को प्रभावित किया और उन्हें क्षयरोग हो गया। 28 फरवरी 1936 को स्विट्ज़रलैंड के लॉज़ान में उनका निधन हुआ। अंतिम समय में इंदिरा गांधी, सुभाष चंद्र बोस और डॉक्टर अटल उनके साथ थे।
पंडित नेहरू की श्रद्धांजलि
नेहरू ने अपनी आत्मकथा को कमला को समर्पित कर लिखा:
“वह अब नहीं रही—कमला अब नहीं रही, मेरा दिमाग़ यही दोहराता रहा…”
उनकी स्मृति आज भी जीवित है
कमला नेहरू के नाम पर देश में कई संस्थान जैसे कमला नेहरू कॉलेज, कमला नेहरू अस्पताल बनाए गए हैं जो उनकी स्मृति को जीवित रखते हैं।