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Property Rights: सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, अब पिता की ऐसी प्रॉपर्टी में नहीं मिलेगा बेटे को अधिकार, जानें पूरी खबर

Property Rights: भारत सरकार के द्वारा प्रॉपर्टी को लेकर कई तरह के नियम बनाए गए हैं जिसका पालन करना बेहद आवश्यक है। प्रॉपर्टी से जुड़े मामलों में ज्यादातर लड़ाइयां देखने को मिलती है जिसे खत्म करने के लिए भारत सरकार ने कई तरह के नियम को बनाया है।

अक्सर देखा जाता है कि बच्चे माता-पिता से प्रॉपर्टी लेकर कई बार उनकी सेवा नहीं करते। अब नए नियम के अनुसार अगर कोई बच्चा माता-पिता से प्रॉपर्टी लेता है और माता-पिता की सेवा नहीं करता तो ऐसे बच्चों से प्रॉपर्टी वापस ली जा सकती है।

ऐसी प्रॉपर्टी में नहीं मिलेगा बच्चों को अधिकार

अक्सर देखा जाता है की पिता की प्रॉपर्टी में बच्चों को अधिकार जरूर मिलता है। हालांकि अगर पिता ने अपनी प्रॉपर्टी स्वअर्जित की हो तो उसमें बेटे बेटी का कोई अधिकार नहीं होता है। पिता ने अगर कोई प्रॉपर्टी खुद खरीदी है तो वह अपनी इच्छा से किसी को भी अपनी प्रॉपर्टी दे सकता है। ऐसी प्रॉपर्टी में किसी का भी अधिकार नहीं होता इसमें सिर्फ पिता का अधिकार होता है।

पैतृक संपत्ति में मिलता है बच्चों को अधिकार

पैतृक संपत्ति में बच्चों को अधिकार मिलता है। अगर प्रॉपर्टी पुस्तैनी है तो उसमें बेटे और बेटी दोनों को बराबरी का अधिकार मिलता है। पुश्तैनी प्रॉपर्टी से किसी को भी बेदखल नहीं किया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में यह स्पष्ट किया है कि अगर पिता की संपत्ति स्व-अर्जित है, तो बेटा उसमें जबरन कोई दावा नहीं कर सकता. यह नियम शादीशुदा और अविवाहित, दोनों प्रकार के बेटों पर समान रूप से लागू होता है. यदि माता-पिता अपनी संपत्ति में बेटे को कुछ देना चाहते हैं, तो वे वसीयत (Will) बनाकर ऐसा कर सकते हैं, लेकिन अगर वे न देना चाहें, तो बेटे को कानूनी रूप से कोई हक नहीं मिल सकता.