चूरू, राजकीय एकीकृत आयुष चिकित्सालय प्राकृतिक एवं आयुर्वेदिक चिकित्सा का उत्कृष्ट केंद्र बन चुका है। यहां परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों के साथ आधुनिक तकनीक का समन्वय किया गया है, जिससे आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं।
रोजाना 200+ ओपीडी व नि:शुल्क दवाएं
अस्पताल में प्रतिदिन 200 से अधिक मरीज पंजीकृत होते हैं। रोगियों को 121 प्रकार की आयुर्वेदिक दवाएं नि:शुल्क दी जाती हैं, जिनमें त्रिफला चूर्ण, अश्वगंधा, च्यवनप्राश और नारायण तेल शामिल हैं।
पीएमओ डॉ. राधेश्याम ने बताया –
“हमारा उद्देश्य चूरू जिले के नागरिकों को आयुर्वेदिक चिकित्सा की सर्वोत्तम सेवाएं उपलब्ध कराना है। यहां आधुनिक उपकरणों और परंपरागत चिकित्सा का संतुलन बनाकर संपूर्ण स्वास्थ्य सुनिश्चित किया जा रहा है।”
पंचकर्म व विशेष उपचार केंद्र
अस्पताल में पंचकर्म, जरावस्था और आंचल प्रसूता केंद्र संचालित हैं।
- पंचकर्म यूनिट में वमन, बस्ती, नस्यम, शिरोधारा, स्वेदन जैसी चिकित्सा उपलब्ध है।
- जरावस्था केंद्र वृद्धजनों के लिए विशेष रूप से बनाया गया है।
- आंचल प्रसूता केंद्र में गर्भवती व प्रसूता महिलाओं को पोषण व उपचार सेवाएं दी जाती हैं।
आधुनिक उपकरणों से लैस
अस्पताल में अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक मसाजर चेयर, शिरोधारा यंत्र, स्वेदन बॉक्स, बस्ती यंत्र, क्वाथ मशीनें, स्टरलाइज़ेशन यूनिट और डिजिटल मेडिकल उपकरण उपलब्ध हैं।
इसके अलावा, एक्सरसाइज के लिए साइकिल, शोल्डर पैडल व फुट पैडल मशीनें भी मरीजों के लिए लगाई गई हैं।
अनुभवी चिकित्सकों की टीम
यहां आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी पद्धतियों के कुल 07 चिकित्सा अधिकारी व कंपाउंडर सेवाएं दे रहे हैं। डॉ. ओमप्रकाश चोयल, डॉ. संजय तंवर और डॉ. रामकृष्ण शर्मा सहित विशेषज्ञ चिकित्सक परामर्श प्रदान करते हैं।
लगातार बेहतर होती सेवाएं
पंचकर्म प्रभारी डॉ. ओमप्रकाश चोयल के अनुसार –
“अस्पताल में आधुनिक सुविधाओं के साथ पंचकर्म उपचार दिया जाता है। पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग उपचार कक्ष हैं। राज्य सरकार समय-समय पर नई तकनीक और दवाओं से अस्पताल को और मजबूत बना रही है।”