चूरू, चूरू जिले के लालासर गांव में आजादी के महानायक शहीद-ए-आजम भगत सिंह की प्रतिमा का भव्य अनावरण समारोहपूर्वक किया गया। इस अवसर पर भगत सिंह के पौत्र और शहीद भगत सिंह ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष यादवेंद्र सिंह संधू मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में जिला उप प्रमुख महेन्द्र न्यौल, डीडीपीआर कुमार अजय, देशभक्ति गायक रोनी रमन, जेकेटी फौजी, धर्मवीर जाखड़, विक्की दूधवा सहित कई गणमान्य अतिथि एवं ग्रामीण शामिल हुए।
वक्ताओं के प्रमुख विचार:
यादवेन्द्र सिंह संधू
“शहीद भगत सिंह केवल मेरे पूर्वज नहीं, बल्कि पूरे भारतवर्ष की आत्मा हैं।
वे हर विचार, हर संघर्ष और हर क्रांति में आज भी जीवित हैं।”
उन्होंने कहा कि आज का युवा जब भगत सिंह के विचारों को अपनाएगा, तभी भारत सच्चे अर्थों में प्रगति कर सकेगा। चूरू की धरती को उन्होंने आज़ादी की प्रेरक भूमि बताया।
डीडीपीआर कुमार अजय
“क्रांति केवल हथियारों से नहीं, विचारों से आती है।
हमें युवा पीढ़ी में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सामाजिक समरसता का विकास करना होगा।”
जिला उप प्रमुख महेन्द्र न्यौल
“भगत सिंह के सपनों का भारत तभी बनेगा जब हम उनके विचारों को आत्मसात करें।
वे सिर्फ क्रांतिकारी नहीं, विचारों के योद्धा थे।”
देशभक्ति गायक रोनी रमन
उन्होंने देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति से माहौल को भावविभोर कर दिया और कहा कि
“संस्कारवान शिक्षा ही सच्ची देशभक्ति की नींव है।”
कार्यक्रम की अध्यक्षता
कार्यक्रम की अध्यक्षता सरपंच गोपाल कस्वां ने की और सह अध्यक्ष पूर्व सरपंच मुलाराम कस्वां रहे। दोनों ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।
आयोजन के अन्य मुख्य बिंदु:
- वीर तेजाजी विकास समिति, चूरू द्वारा यादवेंद्र सिंह संधू का स्वागत
- युवाओं ने “इंकलाब जिंदाबाद” के नारों से किया वातावरण को जीवंत
- भगत सिंह की विचारधारा पर आधारित पुस्तकों की चर्चा
- गांव के लोगों में राष्ट्रीयता की भावना का संचार
उपस्थित गणमान्य:
सहीराम पूनिया, शिशुपाल बुडानिया, राकेश बेनीवाल (मिस्टर चूरू), जसवीर गोदारा, मोहन हुड्डा, सुरेन्द्र, शुभकरण सुणिया, विनोद शर्मा, रोहिताश्व कस्वां, देवेन्द्र कस्वां, जयसिंह राठौड़, राजपाल, नरेन्द्र सुणिया सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण, महिला और युवा उपस्थित रहे।
संचालन
कार्यक्रम का संचालन बेगराज कस्वां ने प्रभावशाली ढंग से किया।
निष्कर्ष:
इस आयोजन ने यह स्पष्ट किया कि भगत सिंह महज इतिहास नहीं, आज का ज़रूरी विचार हैं। लालासर गांव के युवाओं द्वारा भगत सिंह की प्रतिमा की स्थापना एक सशक्त सांस्कृतिक व राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है।