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भागवत कथा: सुखनाथ महाराज ने कहा-दिखावा नहीं, भक्ति जरूरी

Sukhnath Maharaj preaching during Bhagwat Katha at Ratangarh event

रतनगढ़ (चूरू)। बाबा विश्वनाथ जी महाराज की 39वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा के दूसरे दिन मंगलवार को कथा वाचक सुखनाथ महाराज ने कहा कि भगवान को दिखावा पसंद नहीं, वे केवल सच्ची भक्ति और आस्था से प्रसन्न होते हैं।


“भगवान फोटो नहीं, भाव देखते हैं”—सुखनाथ महाराज

सुखनाथ महाराज ने प्रवचन में कहा कि आजकल लोग विशेष पर्व पर भगवान के नाम वाला कुर्ता पहनकर फोटो खिंचवाते हैं, जो सिर्फ आडंबर है।
उन्होंने कहा—

“भगवान दिखावे से नहीं, नाम जप से प्रसन्न होते हैं। पूजा के समय फोटो खिंचवाना सही नहीं है।”

महाराज ने कहा कि भक्ति के मार्ग से भटककर हम दिखावे की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे भावी पीढ़ी गलत दिशा में जा रही है।


नाम जप से मिलता है मोक्ष

कथा वाचक ने नाम जप की महिमा बताते हुए कहा कि इससे व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त होता है।
उन्होंने कहा—

“जीवन में लालसा कभी खत्म नहीं होती, और इसे त्यागने का सरल मार्ग है—भक्ति।”

महाराज ने गोकर्ण और धुंधकारी के प्रसंगों को विस्तार से समझाया।


शतचंडी यज्ञ भी जारी

मुख्य यजमान विकासचंद्र शास्त्री द्वारा व्यासपीठ की पूजा-अर्चना की गई।
कार्यक्रम में साध्वी हेमलता बाईराम, रमेशनाथ महाराज, दौलतराम पैंसिया, सुनील बबेरवाल सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।
इसके साथ ही पंडित गोपाल बोचीवाल के सानिध्य में शतचंडी यज्ञ भी संपन्न हो रहा है।