तारानगर। न्यायिक मजिस्ट्रेट तारानगर के पीठासीन अधिकारी अजयदीप सिंह ने चैक अनादरित (Cheque Bounce) मामले में शिवशंकर पुत्र श्यामलाल शर्मा निवासी जिगसाना ताल को एक वर्ष का कारावास और 7 लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई।
उधार ली थी 4.25 लाख की राशि
अधिवक्ता राजेंद्र सिंह राठौड़ न्यांगली के अनुसार, पीड़ित संजय जांगिड़ निवासी तारानगर ने घरेलू जरूरतों के लिए आरोपी शिवशंकर को 4 लाख 25 हजार रुपये उधार दिए थे।
इसके बदले आरोपी ने संजय को एक चैक सौंपा था।
बैंक में लगा चैक, लेकिन राशि नहीं
निर्धारित तारीख पर जब संजय ने भुगतान हेतु चैक बैंक में लगाया, तो खाते में पर्याप्त धनराशि नहीं होने से चैक अनादरित हो गया।
इसके बाद पीड़ित ने आरोपी को 15 दिन का लीगल नोटिस जारी किया।
लेकिन आरोपी ने समय सीमा समाप्त होने के बाद भी धनराशि अदा नहीं की।
नोटिस के बाद भी राशि नहीं लौटाई, तो कोर्ट पहुंचे
नोटिस के बावजूद भुगतान न मिलने पर संजय जांगिड़ ने कोर्ट में परिवाद दायर किया।
कोर्ट ने दस्तावेजों और साक्ष्यों के आधार पर सुनाया फैसला
कोर्ट ने पत्रावली में दर्ज दस्तावेजों का गहन विश्लेषण किया और संजय जांगिड़ के बयान भी दर्ज किए।
सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अदालत ने आरोपी शिवशंकर को दोषी करार देते हुए एक वर्ष का कारावास और 7 लाख रुपये जुर्माने से दंडित किया।
अधिवक्ता राजेंद्र सिंह राठौड़ न्यांगली ने पीड़ित की ओर से पैरवी की।