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कलेक्टर ने की फ्लैगशिप योजनाओं व SIR-2026 की समीक्षा

Churu collector reviews flagship schemes and SIR 2026 in weekly meeting

चूरू, जिला कलेक्टर अभिषेक सुराणा ने मंगलवार को डीओआईटी वीसी सभागार में आयोजित साप्ताहिक समीक्षा बैठक में फ्लैगशिप योजनाओं, SIR–2026, संपर्क पोर्टल और विभिन्न विभागीय कार्यक्रमों की समीक्षा की।
एडीएम अर्पिता सोनी, सीईओ जिला परिषद श्वेता कोचर सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।


बिजली–पानी–चिकित्सा सेवाओं पर विस्तृत चर्चा

जिला कलेक्टर ने जिले में—

  • बिजली आपूर्ति,
  • पेयजल व्यवस्था,
  • चिकित्सा सेवाओं
    तथा जन शिकायतों के निस्तारण की स्थिति की समीक्षा की।

उन्होंने कहा कि सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि आमजन को बेहतर सेवाएं समय पर मिलें।

“अधिकारी फील्ड टीम के साथ लगातार मुस्तैद रहें,”
कलेक्टर ने निर्देश दिए।


फ्लैगशिप योजनाओं की प्रगति की समीक्षा

बैठक के दौरान कलेक्टर सुराणा ने राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की समीक्षा की और लक्ष्य समय पर पूरा करने के निर्देश दिए।

उन्होंने निम्न योजनाओं पर विशेष रूप से प्रगति की जाँच की:

  • NFSA आवेदनों का निस्तारण
  • PM आवास योजना (शहरी व ग्रामीण)
  • लाडो प्रोत्साहन योजना
  • PM कुसुम योजना
  • RDSS
  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
  • स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण एवं शहरी)
  • स्वामित्व योजना
  • कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान
  • एमजेएसए 2.0
  • अटल ज्ञान केन्द्र
  • पंच गौरव योजना
  • PM विश्वकर्मा योजना

कलेक्टर ने नियमित मॉनिटरिंग, लक्षित समूह तक लाभ पहुंचाने और अपेक्षित उपलब्धि प्राप्त करने पर जोर दिया।


संपर्क पोर्टल व जनसुनवाई प्रकरणों पर निर्देश

सुराणा ने संपर्क पोर्टल और जनसुनवाई के लंबित मामलों की समीक्षा की और कहा—

“शिकायतों का निस्तारण त्वरित, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए।”

उन्होंने अधिकारियों को नियमित फील्ड विज़िट, निरीक्षण और यात्राओं की सही एंट्री सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।


SIR–2026 को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश

कलेक्टर ने SIR–2026 की समीक्षा में कहा कि सभी ERO डिजिटाइजेशन कार्य को जल्द पूरा करें।
उन्होंने निर्देश दिए कि—

  • कार्य में पिछड़ने वाले बीएलओ के साथ अतिरिक्त स्टाफ लगाया जाए
  • उत्कृष्ट कार्य करने वाले बीएलओ को फैसिलिटेट किया जाए

जिलेभर के अधिकारी जुड़े

बैठक में जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे,
जबकि सभी उपखंडों से वीसी के माध्यम से उपखंड स्तरीय अधिकारी जुड़े रहे।