चूरू,भारतीय स्टेट बैंक शाखा, चूरू में राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) अभियान 4.0 के अंतर्गत
आज एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में पेंशनभोगियों को डिजिटल प्रमाणपत्र सुविधा की जानकारी दी गई और
उन्हें फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के माध्यम से प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया सिखाई गई।
अवर सचिव मधु मनकोटिया ने दी जानकारी
कार्यक्रम की अध्यक्षता भारत सरकार की वित्तीय सेवाएं विभाग की अवर सचिव श्रीमती मधु मनकोटिया ने की।
उन्होंने उपस्थित पेंशनरों को डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र सुविधा के महत्व और प्रक्रिया की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि अब पेंशनभोगियों को बैंक शाखा में उपस्थित हुए बिना
डिजिटल माध्यमों से जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की सुविधा दी जा रही है।
बैंक अधिकारियों ने साझा किए सुझाव
भारतीय स्टेट बैंक क्षेत्रीय कार्यालय, चूरू के मुख्य प्रबंधक अमित शुक्ला ने
बैंक के विभिन्न डिजिटल उत्पादों और साइबर सुरक्षा उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
चूरू एसबीआई शाखा के मुख्य प्रबंधक जयप्रकाश सैनी ने
पेंशनभोगियों को फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक से जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया समझाई
और पेंशनरों को इस प्रक्रिया में सहयोग प्रदान किया।
UIDAI अधिकारी ने भी साझा किए विचार
कार्यक्रम में UIDAI नई दिल्ली की अनुभाग अधिकारी श्रीमती मनीषा ने भी
डिजिटल पहचान प्रणाली और सुरक्षित प्रमाणीकरण के महत्व पर अपने विचार रखे।
पूरे देश में चल रहा है डीएलसी अभियान 4.0
पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग, कार्मिक मंत्रालय, भारत सरकार
1 से 30 नवंबर 2025 तक राष्ट्रव्यापी डीएलसी अभियान 4.0 चला रहा है।
इस अभियान के तहत देशभर के 2,000 से अधिक शहरों और कस्बों में
पेंशनरों को अपने जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के कई डिजिटल विकल्प उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
चूरू में कई शाखाओं में शिविर आयोजित
इस अवसर पर एसबीआई की पंखारोड, स्टेशन रोड और कलेक्ट्रेट शाखा में शिविर लगाए गए।
वहीं, भारतीय डाक विभाग (IPPB) द्वारा प्रधान डाकघर चूरू में भी
डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र पंजीकरण शिविर का आयोजन किया गया।
बैंक अधिकारी बोले – “डिजिटल प्रक्रिया से होगी सुविधा में वृद्धि”
मुख्य प्रबंधक जयप्रकाश सैनी ने कहा —
“फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक से अब पेंशनरों को लंबी कतारों में लगने की जरूरत नहीं।
सिर्फ मोबाइल एप या बैंक सहायता से जीवन प्रमाणपत्र तुरंत जमा किया जा सकता है।”