चूरू,सुभाष प्रजापत जिले में शनिवार देर रात चली तेज धूल भरी आंधी ने बिजली और पेयजल जैसी जरूरी सेवाओं को बुरी तरह से प्रभावित किया।
तेज हवाओं और उसके बाद हुई हल्की बारिश ने मौसम को तो ठंडा कर दिया, लेकिन पीछे छोड़ गई भारी तबाही।
आंधी से जिलेभर में करीब 80 बिजली के खंभे गिर गए, जिनमें 33 केवी, 11 केवी और एलटी लाइन के खंभे शामिल हैं।
सबसे ज्यादा नुकसान इन इलाकों में
- चूरू शहर: नेचर पार्क रोड और वन विभाग क्षेत्र में दर्जनों पेड़ गिरे।
 - भरतिया रोड: बिजली का खंभा टूटकर गिरा।
 - तारानगर और राजलदेसर क्षेत्र: कई पेड़ और खंभे गिरे।
 - पड़िहार, सिमसिया, आबड़सर, रतनादेसर, भावनदेसर: कुल 36 विद्युत खंभे गिरे।
 
इनमें
- 33 केवी के 3 खंभे,
 - 11 केवी के 17 खंभे,
 - एलटी लाइन के 16 खंभे शामिल हैं।
 
कई गांवों में 15 घंटे तक बिजली गुल
- राजलदेसर और पड़िहार में 4 घंटे तक अंधेरा रहा।
 - अन्य ग्रामीण इलाकों में 15 घंटे तक बिजली नहीं आई।
 - घांघू गांव में खेत पर बने टीन शेड की छत उड़ गई।
 
लाखों का नुकसान, जनहानि नहीं
डिस्कॉम को बिजली ढांचे को हुए नुकसान से लाखों रुपए का नुक़सान हुआ। हालांकि राहत की बात यह रही कि इस तूफान में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
रविवार को मरम्मत शुरू
रविवार सुबह से ही डिस्कॉम की टीमें खंभे और टूटे तारों की मरम्मत में जुट गईं। अधिकारियों का कहना है कि बिजली बहाली का काम युद्धस्तर पर जारी है।
गर्मी से मिली थोड़ी राहत
तेज हवाओं और बूंदाबांदी के कारण तापमान में गिरावट आई और लोगों को भीषण गर्मी से कुछ राहत मिली।