चूरू में राजस्थानी साहित्यकार सम्मान समारोह
चूरू जिला मुख्यालय स्थित सूचना केंद्र में प्रयास संस्थान की ओर से आयोजित राजस्थानी साहित्यकार सम्मान समारोह में राजस्थान धरोहर प्राधिकरण अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने शिरकत की।
उन्होंने इस अवसर पर साहित्यकारों का सम्मान करते हुए उनकी उपलब्धियों को सराहा।
साहित्य और संस्कृति के संरक्षण पर जोर
लखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश सरकार साहित्य, भाषा और संस्कृति के संरक्षण व प्रोत्साहन के लिए लगातार प्रयासरत है।
उन्होंने कहा, “राजस्थानी भाषा हमारी पहचान, गौरव और ऐतिहासिक धरोहर का केंद्र है।“
धरोहर और आधुनिक तकनीक के साथ संरक्षण
लखावत ने बताया कि लोकदेवता तेजाजी, महाराणा प्रताप, मीराबाई, करमा बाई और पाबूजी की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है।
मेड़ता में मीराबाई भक्ति सर्किट के निर्माण के लिए लगभग 12 करोड़ रुपए की लागत से योजना प्रारंभ हो चुकी है। इसमें सभी लाक देवी-देवताओं की भक्ति रचनाओं को आधुनिक तकनीकी विधाओं से प्रदर्शित किया जाएगा।
मातृभाषा में प्रारंभिक शिक्षा
राजस्थानी भाषा की मान्यता पर चर्चा करते हुए लखावत ने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा में दी जा रही है।
प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बोली जाने वाली भाषाओं और बोलियों में पाठ्यक्रम तैयार कर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।
यह कदम मातृभाषा की समृद्धि और सांस्कृतिक जड़ों को मजबूत करने के लिए उठाया गया है।
साहित्यकारों का सम्मान
इस अवसर पर साहित्यकार नागराज शर्मा, हरीश बी शर्मा, संतोष चौधरी, मदन सैनी, सगमानंद, जेठानंद को प्रशस्ति-पत्र, माल्यार्पण और साफा पहनाकर सम्मानित किया गया।
साहित्यकारों ने राजस्थानी साहित्य, इतिहास और धरोहर संरक्षण की दिशा में सकारात्मक प्रयासों पर अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम में भारी उत्साह
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साहित्यकार, विद्यार्थी, शोधकर्ता और आम नागरिक शामिल हुए।
दुलाराम सहारण ने अतिथियों का स्वागत किया और संचालन कमल शर्मा ने किया।