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Churu News: लापरवाही: 5 वर्षीय बच्ची को क्लास में बंद छोड़ गए शिक्षक

Villagers rescue 5-year-old girl locked inside classroom in Churu

शिक्षक की लापरवाही से पांच वर्षीय बालिका घंटों तक रही बंद कक्षा में

चूरू जिले के सादुलपुर उपखंड के न्यांगल छोटी गांव स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया।
यहां प्रथम कक्षा की 5 वर्षीय छात्रा को छुट्टी के बाद शिक्षक कक्षा में ही बंद कर घर चले गए।


छुट्टी के बाद भी नहीं लौटी बच्ची

जानकारी के अनुसार, छुट्टी के बाद बच्ची घर नहीं पहुंची, तो परिजनों में हड़कंप मच गया।
ग्रामीणों और अभिभावकों ने स्कूल का रुख किया और करीब शाम 5:30 बजे कक्षा के अंदर से रोने की आवाज सुनी।


ग्रामीणों ने तोड़ा ताला, बच्ची को निकाला बाहर

ग्रामीणों ने तत्काल शिक्षक बलजीत को सूचना दी और कमरे की खिड़की की जाली तोड़कर बच्ची को पानी की बोतल दी।
इसके बाद ग्रामीणों ने कमरे का ताला तोड़कर बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला।
लोगों ने इस लापरवाही को बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि “डर के कारण बच्ची की जान भी जा सकती थी।


ग्रामीणों में आक्रोश, जांच की मांग

ग्रामीणों ने शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
घटना का वीडियो भी ग्रामीणों ने रिकॉर्ड कर प्रशासन को सौंपा है।


संस्था प्रधान का स्पष्टीकरण

संस्था प्रधान मांगे राम ने बताया कि विद्यालय की छुट्टी के बाद वे वीसी कार्यक्रम में भाग लेने सादुलपुर चले गए थे।
उन्होंने कहा कि “पांच वर्षीय बच्ची की बड़ी बहन भी विद्यालय में पढ़ती है। छुट्टी के बाद वह बहन के पास जाकर सो गई थी, जिससे शिक्षकों को पता नहीं चल पाया।


कैसे हुआ भ्रम

संस्था प्रधान के अनुसार, कक्षा में रखे फर्नीचर और टेबलों के कारण बच्ची शिक्षकों को दिखाई नहीं दी।
शिक्षकों ने यह समझकर क्लास बंद कर दी कि सभी बच्चे जा चुके हैं।
जब बड़ी बहन घर पहुंची और परिजनों ने पूछा, तब खुलासा हुआ कि छोटी बहन अभी विद्यालय में ही रह गई है।

जांच के निर्देश

शिक्षक ने बताया कि जानकारी मिलते ही वे मौके पर पहुंचे और बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला गया।


प्रशासन से अपेक्षा

ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं से बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगते हैं।
उन्होंने जिला प्रशासन से विद्यालय में सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने और अभिभावक निगरानी तंत्र मजबूत करने की मांग की है।

स्रोत: ग्रामीण रिपोर्ट, न्यांगल छोटी (चूरू)