तीन माह से 30 लाख रुपये का भुगतान अटका, ठेकेदार ने दी चेतावनी
छापर (चूरू)। दीपावली जैसे पर्व पर जब पूरा देश खुशियों में डूबा था, वहीं छापर नगरपालिका में भुगतान न मिलने से एक ठेकेदार और उसके श्रमिकों को मजबूरन ‘काली दिवाली’ मनानी पड़ी।
तीन माह से अटका 30 लाख रुपये का भुगतान
मतेश्वरी स्टोन कंपनी के संवेदक ने बताया कि उनका करीब 30 लाख रुपये का भुगतान पिछले तीन से चार माह से लंबित है। उन्होंने कहा कि उनकी जेसीबी मशीन स्वच्छ भारत मिशन के तहत 14 महीनों तक चली, लेकिन अब तक भुगतान नहीं हुआ।
श्रमिकों को नहीं मिला वेतन, घर नहीं जा सके
भुगतान न मिलने के कारण संवेदक अपने श्रमिकों को वेतन नहीं दे पाए।
परिणामस्वरूप, श्रमिक दिवाली पर घर नहीं जा सके और नगर पालिका के बाहर दो दिन तक धरने पर बैठे रहे।
ठेकेदार का आरोप — “राजकोष में पैसा आया, पर हमें नहीं”
संवेदक ने आरोप लगाया कि नगरपालिका को डेढ़ करोड़ रुपये प्राप्त हुए, लेकिन भुगतान सिर्फ “चहेते ठेकेदारों” को कर दिया गया। उन्होंने प्रशासन से तत्काल बकाया भुगतान की मांग की है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जताया समर्थन
कस्बे के समाजसेवी प्रदीप सुराणा ने संवेदक के समर्थन में धरने पर पहुंचकर नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा, “नगर पालिका द्वारा किए गए कार्यों का भुगतान रोकना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह श्रमिकों की आजीविका पर सीधा प्रहार है।”
प्रशासन से तत्काल समाधान की मांग
संवेदक और स्थानीय नागरिकों ने नगर पालिका प्रशासन से तुरंत बकाया भुगतान करने की मांग की है, ताकि श्रमिकों को राहत मिल सके और भविष्य में ऐसे हालात दोबारा न बनें।