चूरू, जिला कलेक्टर अभिषेक सुराणा ने मंगलवार को डीओआईटी वीसी सभागार में सहकारिता विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को जवाबदेह और फील्ड-एक्टिव रहने के निर्देश दिए।
निरीक्षकों को मिले स्पष्ट लक्ष्य
कलेक्टर सुराणा ने कहा कि सहकारी समितियों के निरीक्षण को नियमित और प्रभावी बनाने के लिए हर निरीक्षक को विशिष्ट निरीक्षण लक्ष्य दिए जाएं। साथ ही गूगल फॉर्म के माध्यम से निरीक्षण की डिजिटल रिपोर्टिंग सुनिश्चित की जाए।
“ऑनलाइन रिपोर्टिंग से पारदर्शिता आएगी और योजनाओं की क्रियान्विति में सुधार होगा,”
– अभिषेक सुराणा, जिला कलेक्टर, चूरू
ऑडिट पैराओं का विश्लेषण और अनुपालना
सुराणा ने ऑडिट के दौरान बने पैरा, डिस्पोजल स्टेटस और लंबित प्रकरणों का विस्तृत विश्लेषण कर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि सहकार योजनाओं को ज़मीनी स्तर तक गुणवत्ता के साथ लागू किया जाए।
विशेष निर्देश:
- ग्राम सेवा सहकारी समितियों का नियमित निरीक्षण
- मुख्यमंत्री एकमुश्त ऋण समझौता योजना का व्यापक प्रचार
- निष्क्रिय समितियों को सक्रिय करना या अवसायन की प्रक्रिया अपनाना
- एनसीडी पोर्टल पर आंकड़ों को अपडेट रखना
- जुलाई में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष पर जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित करना
योजनाओं में पारदर्शिता और भागीदारी
बैठक में सहकारिता उप पंजीयक डॉ. सुनील कुमार मान्डिया ने प्रस्तुति दी और विभागीय प्रगति की जानकारी साझा की। इस दौरान कोऑपरेटिव एमडी मदनलाल, विशेष लेखा परीक्षक निशा कुमारी और अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
समीक्षा किए गए बिंदु:
- PLDB की बैठक
- सहकार से समृद्धि योजना
- जनरल स्टोर्स एवं जेनरिक दवा केन्द्रों की स्थिति
- ऋण वितरण एवं क्रय-विक्रय समितियों की कार्यप्रणाली