रतनगढ़ के कलाकार को मिला सम्मान
रतनगढ़ (चूरू) के प्रसिद्ध चित्रकार डॉ गोपाल भारती को लेजेंडरी पीस अवॉर्ड्स काउंसिल दिल्ली से कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गई। इस गौरवपूर्ण उपलब्धि पर साहित्य कला संगम रतनगढ़ द्वारा नवोदयन किड्स एकेडमी में “संगीत एवं चित्रकला का दैनिक जीवन में महत्व” विषय पर विचार गोष्ठी आयोजित की गई।
संस्थाओं द्वारा भव्य अभिनंदन
कार्यक्रम संयोजक कुलदीप व्यास ने बताया कि जयपुर प्रवासी डॉ भारती की इस उपलब्धि पर नगर की 80 से अधिक संस्थाओं ने सम्मान किया है। रतनगढ़ नागरिक परिषद सूरत के अध्यक्ष शुभकरण बैद, एडवोकेट विनोद नोहाल, वासुदेव चाकलान, और अन्य गणमान्य व्यक्तित्वों ने माल्यार्पण कर अभिनंदन किया।
कला जगत में योगदान
डॉ गोपाल भारती ने बताया, “कला जीवन में विविध रंग भरते हुए उत्साह और नवीन ऊर्जा का संचरण करती है। चित्रकला के विविध आयामों को समझना आवश्यक है।” उन्होंने अपने चित्रों की लंदन, बैंकॉक की अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों और भारत के प्रमुख नगरों में सफल प्रदर्शनी का जिक्र किया।
संस्कार भारती का नेतृत्व
पिछले तीन वर्षों से संस्कार भारती जयपुर के अध्यक्ष के रूप में डॉ भारती द्वारा की जा रही सेवा को 80 से अधिक संस्थाओं ने सराहा है। मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी संदीप व्यास की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों ने भाग लिया।
साहित्यिक चर्चा
गोष्ठी में मनोज चारण, भानुप्रिया शर्मा, दिलीप स्वामी, अनिल लाटा और उम्मेद मिश्रा ने कला और संगीत के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। दिलीप स्वामी की रचना “मैं चित्रकार हूँ” और भानुप्रिया की कविता “संगीत बिना जीवन नीरस” ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।