चूरू, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार पशुपालन विभाग द्वारा चूरू जिले में पशुधन को रोगों से बचाने के लिए व्यापक नि:शुल्क टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है।
इस अभियान के तहत गौवंश और भैंसवंशीय पशुओं को खुरपका-मुंहपका (एफएमडी) तथा भेड़-बकरियों को पीपीआर (काटा) रोग से बचाव हेतु टीके लगाए जा रहे हैं।
एफएमडी टीकाकरण: खुरपका-मुंहपका रोग से सुरक्षा
पशुपालन विभाग ने बताया कि एफएमडी (Foot and Mouth Disease) से बचाव के लिए राज्यभर में नि:शुल्क टीकाकरण किया जा रहा है।
यह टीका पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है। इससे पशु स्वस्थ रहेंगे, दूध उत्पादन बढ़ेगा और पशुपालकों की आमदनी में वृद्धि होगी।
सभी पशुपालकों से अपील की गई है कि वे अपने गौ और भैंसवंशीय पशुओं का टीकाकरण नजदीकी पशु चिकित्सालय या उपकेंद्र पर करवाएं और अपने पशुधन को रोगमुक्त बनाएं।
पीपीआर (काटा) रोग: लक्षण और बचाव
पीपीआर (Peste des Petits Ruminants) यानी काटा रोग भेड़ और बकरियों में तेजी से फैलता है।
इसके लक्षणों में –
- तेज बुखार, खांसी, निमोनिया
- आंखों में सूजन और झिल्ली का लाल होना
- मसूड़ों व जीभ पर छाले
- नाक व आंख से पानी आना
- दस्त और नाक का बंद होना
से बचाव के लिए पशुपालकों को सलाह दी गई है कि वे अपने पशुओं को तुरंत टीका लगवाएं, बीमार पशु को स्वस्थ पशुओं से अलग रखें, और पशु आवास को स्वच्छ व सूखा रखें।
चार माह से अधिक आयु वाली सभी भेड़ और बकरियों में यह टीका अनिवार्य रूप से लगवाना चाहिए।
“टीकाकरण अभियान से पशुधन को गंभीर बीमारियों से सुरक्षा मिलेगी और पशुपालकों को आर्थिक लाभ होगा,”
— पशुपालन विभाग, चूरू