रतनगढ़ में जाट बौद्धिक मंच के तत्वावधान में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह अत्यंत गरिमामय एवं प्रेरणादायी वातावरण में सम्पन्न हुआ। समारोह की अध्यक्षता सुल्तान सिंह भींचर ने की, जबकि रतनगढ़ विधायक पूसाराम गोदारा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
दीप प्रज्वलन से हुआ शुभारंभ
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
स्वागत भाषण मुकंदाराम नेहरा, अध्यक्ष जाट बौद्धिक मंच ने प्रस्तुत किया। उन्होंने मंच के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मंच का लक्ष्य शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना, मेधावी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करना तथा समाज में बौद्धिक विमर्श को सशक्त बनाना है।
शिक्षा ही प्रगति की कुंजी : विधायक गोदारा
मुख्य अतिथि विधायक पूसाराम गोदारा ने मंच के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि “शिक्षा सामाजिक और आर्थिक प्रगति की सबसे मजबूत नींव है। प्रतिभाओं का सम्मान समाज को सही दिशा देता है।”
वक्ताओं ने किया मार्गदर्शन
मुख्य वक्ता महेंद्र चौधरी (सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक) ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में कहा कि निरंतर परिश्रम, अनुशासन और नैतिक मूल्यों के साथ की गई शिक्षा ही सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है।
विशिष्ट वक्ता भंवरलाल डूडी (संयुक्त निदेशक) एवं मोहनलाल डूडी (मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी) ने शिक्षा प्रणाली, सरकारी सेवाओं के अवसर और ग्रामीण प्रतिभाओं की भूमिका पर विचार रखे।
पर्यावरण चेतना पर विशेष जोर
विकास गोदारा, पर्यावरणविद् ने बदलती वैश्विक परिस्थितियों में पर्यावरण संरक्षण, पारिवारिक वानिकी और माइक्रोप्लास्टिक से बचाव पर महत्वपूर्ण जानकारी दी।
400 से अधिक प्रतिभाएं सम्मानित
समारोह में कक्षा 10वीं, 12वीं एवं स्नातक स्तर पर 85 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों, नवनियुक्त सरकारी कार्मिकों, मेडिकल एवं आईआईटी में चयनित कुल 400 से अधिक प्रतिभाओं को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
समाज को दिशा देने वाला आयोजन
अध्यक्षीय उद्बोधन में सुल्तान सिंह भींचर ने कहा कि प्रतिभाओं का सम्मान समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और आने वाली पीढ़ी को उत्कृष्ट बनने की प्रेरणा देता है।
संचालन व उपस्थिति
कार्यक्रम का संचालन खींवाराम ख्यालिया एवं सुभाष नैण द्वारा किया गया।
इस अवसर पर जाट बौद्धिक मंच के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि, शिक्षाविद् एवं बड़ी संख्या में समाजबंधु उपस्थित रहे।