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‘धरती धोरां री’ को राज्य गीत बनाने की मांग तेज

Sujangarh celebrates Kanhaiyalal Sethia Jayanti with cultural performances

सुजानगढ़ में महाकवि कन्हैयालाल सेठिया जयंती समारोह

चूरू/सुजानगढ़, 1महाकवि कन्हैयालाल सेठिया की 106वीं जयंती पर
मरूदेश संस्थान के तत्वावधान में
गुरुवार को भव्य समारोह आयोजित हुआ।
आयोजन सेठिया की साधना स्थली, प्राचीन हवेली में हुआ।

सांगीतिक प्रस्तुतियों ने बांधा समां

कार्यक्रम में धरती धोरां री, कठपुतलियां, कालबेलियो और लोकधुनों
की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कलाकारों में अशोक आर्य, दिनेश दर्जी, मनीष रक्षक और
कलानेट वादक मोहम्मद अख्तर शामिल रहे।

जयप्रकाश सेठिया का हुआ सम्मान

समारोह में महाकवि के सुपुत्र और
महाकवि कन्हैयालाल सेठिया फाउंडेशन के
मुख्य न्यासी जयप्रकाश सेठिया का
साफा, शॉल और अभिनंदन पत्र से सम्मान किया गया।
इस मौके पर उनकी धर्मपत्नी कनक सेठिया का भी बहुमान किया गया।

जयप्रकाश सेठिया ने कहा –

“राजस्थानी भाषा और संस्कृति की सेवा करने वाला हर व्यक्ति
महाकवि सेठिया का सच्चा मानस पुत्र है।”

‘धरती धोरां री’ को राज्य गीत बनाने की मांग

समारोह के अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश अशोक कुमार व्यास ने
राजस्थान सरकार से ‘धरती धोरां री’ को
राज्य गीत घोषित करने की मांग रखी।
इस प्रस्ताव का उपस्थित लोगों ने करतल ध्वनि से अनुमोदन किया।

विशिष्ट अतिथि और विचार

मुख्य अतिथि पद्मश्री हिम्मताराम भामू ने कहा –

“सुजानगढ़ की पहचान पूरी दुनिया में
महाकवि सेठिया के कारण है।
उनकी हवेली ऐतिहासिक धरोहर है,
इसके संरक्षण की आवश्यकता है।”

कार्यक्रम में सेठिया के पौत्र गौतम सेठिया ने
अपने दादा को समर्पित कविता प्रस्तुत की।

विद्यार्थियों और अतिथियों की भागीदारी

समारोह में कई स्कूलों के विद्यार्थियों ने भाग लिया।
साथ ही दिव्यांग खिलाड़ी सुफियान को
उनकी खेल उपलब्धियों पर सम्मानित किया गया।

आयोजन में स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं, साहित्यकारों
और जनप्रतिनिधियों की बड़ी संख्या मौजूद रही।