रतनगढ़ (चूरू),राजस्थानी साहित्य के पितामह काव्ययोगी किशोर कल्पनाकांत की जयंती पर साहित्य कला संगम, रतनगढ़ द्वारा भव्य साहित्यिक आयोजन हुआ। स्थानीय अग्रसेन भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में कवि कुलदीप कुमार व्यास के काव्य संग्रह “अंधियारा दूर भगाएं” का लोकार्पण किया गया।
दीप प्रज्वलन से हुआ शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुई। इस दौरान लेखक के परदादा रामसुख व्यास और किशोर कल्पनाकांत के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।
साहित्यकारों का मिला सम्मान
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वैद्य बालकृष्ण गोस्वामी ने कहा,
“साहित्यकार समाज का मार्गदर्शक होता है, उसका मनोबल बनाए रखना समाज की जिम्मेदारी है।”
कार्यक्रम को शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक बजरंग लाल स्वामी और मरू देश संस्थान सुजानगढ़ के अध्यक्ष घनश्यामनाथ कच्छावा ने भी संबोधित किया। उन्होंने कुलदीप व्यास की रचनाओं को समाज के लिए प्रेरणास्पद बताया।
विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
मंच पर सूर्यप्रकाश त्रिवेदी, ओमप्रकाश तंवर, संतोष इंदौरिया, लीटू कल्पनाकांत, राधेश्याम सिखवाल और मोतीलाल तातेड़ सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।
इनके साथ वरिष्ठ साहित्यकार सज्जनलाल बैद, संगीतकार जगदीश प्रसाद कत्थक, धर्मेंद्र कीलक, कन्हैयालाल स्वामी, संदीप ओझा, प्रमोद स्वामी और लक्ष्मणराम नैण का भी सम्मान किया गया।
समीक्षा और काव्य गोष्ठी में झलकी भावनाएं
काव्य संग्रह की समीक्षा मनोज चारण ने प्रस्तुत की। इसके बाद हुई काव्य गोष्ठी में भानुप्रिया शर्मा, दिलीप स्वामी ‘मनु’, लिटू कल्पनाकांत, जगदीश कत्थक, ओमप्रकाश तंवर और स्वयं कुलदीप व्यास ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं।
सामाजिक सहभागिता रही विशेष
कार्यक्रम में आर्या पब्लिक स्कूल, जैन श्वेतांबर तेरापंथ समाज, अखिल भारतीय साहित्य परिषद और पुरस्कृत शिक्षक फोरम राजस्थान की भी सहभागिता रही।
संचालन और समापन
कार्यक्रम का संचालन मनोज चारण ने किया जबकि स्वागत भाषण प्रोफेसर कल्याणसिंह चारण ने दिया।